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उर्मिला: रामायण का एक अनछुआ किरदार, जिसने महल में रहकर किया सीता से बड़ा त्याग

डिजिटल रामायण में जानिए लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला और उनके त्याग और समर्पण की कहानी, 14 साल तक पति की नींद अपना कर सोतीं रहीं थी उर्मिला और साथ ही निभाया बहु का हर फर्ज़।

21 Sep 2017, 02:33:11 PM (IST)

नई दिल्ली:

रामायण के अन्य प्रमुख अध्यायों में एक अध्याय श्रीराम के भाई लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला का भी है। उर्मिला एक असीम पतिव्रता और त्याग की ऐसी मिसाल जिसके बारे में बहुत कम चर्चा की गई। 

श्रीराम और सीता के साथ लक्ष्मण के बनवास के समय सिर्फ इन तीनों ने ही माता कैकयी की ज़िद्द के आगे वृह्द त्याग नहीं किया बल्कि इन तीनों की तपस्या के साथ ही लक्ष्मण की नवविवाहिता पत्नी उर्मिला ने भी त्याग और तपस्या की ऐसी मिसाल दी जो नारी जाति के सम्मान को इतिहास में और उच्च स्थान प्राप्त कर गई। 

श्रीराम को 14 साल के बनवास के साथ माता सीता ने भी महलों का सुख छोड़ अपने पति के साथ बनवास को स्वीकार किया। लक्ष्मण राम के प्रिय भाई ने भी अपने भाई-भाभी की रक्षा के लिए नवविवाहिता पत्नी को छोड़ वन की ओर प्रस्थान किया और उर्मिला को अपने माता-पिता की देखरेख के लिए महल में ही रहने की प्रार्थना की। 

बेहद दुखी मन से उर्मिला ने इस ज़िम्मेदारी को स्वीकार किया और 14 वर्ष महल में रहकर परिजनों की सेवा में व्यतीत किए।

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इस बीच एक ऐसी भी कथा है कि 14 वर्ष तक उर्मिला न सिर्फ अपनी ज़िम्मेदारियों को सहर्ष निभातीं रही बल्कि लगातार 14 वर्षों तक अपने पति के हिस्से की नींद को स्वीकार कर सोतीं भी रहीं। 

आप सोच रहे होंगे भला ऐसा कैसे संभव है... तो कथा में इसका भी जवाब है। 

पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि दरअसल उर्मिला को वरदान प्राप्त था कि वो एक साथ 3 काम कर सकती हैं। यह वरदान बनवास जाते वक्त माता सीता ने उन्हें दिया था। 

सीता की अनुजा उर्मिला ने तब निंद्रा देवी से अपने पति की 14 वर्षों की नींद मांगी थी और निंद्रा देवी ने लक्ष्मण के आग्रह पर उनकी 14 वर्षों तक निंद्रा छीन ली थी।

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लक्ष्मण जी ने निंद्रा देवी से आग्रह किया था कि उन्हें 14 वर्ष तक नींद न आए क्योंकि वो दिन-रात अपने भाई-भाभी की सेवा में लीन थे। 

इसीलिए उर्मिला ने एक और पति की नींद स्वीकार कर पूरे 14 सालों तक सोती रहीं। उर्मिला के असीम त्याग और समर्पण की यह एक ऐसी अनछुई कहानी है जो स्त्रीत्व के महान रूप को उजागर करती है। 

14 वर्ष बाद जब रावण दहन कर और लंका पर विजय प्राप्त कर श्रीराम जब अयोध्या लौटे तो उनका राजतिलक लक्ष्मण इसीलिए नहीं देख सके थे क्योंकि निंद्रा देवी ने उनकी नींद उर्मिला से छीन उन्हें प्रदान कर दी थी और फिर राजतिलक की रस्म उनकी जगह उनकी अर्धांगिनी उर्मिला ने देखी थी। 

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