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ससुराल छोड़ने के आधार पर अलग होने का फैसला नहीं ले सकते पति-पत्नी: दिल्ली हाई कोर्ट

हाई कोर्ट ने एक मामले में यह फैसला सुनाया, जिसमें एक फैमिली कोर्ट में पत्नी की ओर से परित्याग किए जाने के आधार पर पति को दिया हुआ तलाक रद्द कर दिया।

News Nation Bureau
| Edited By :
08 Jan 2017, 05:10:08 PM (IST)

highlights

  • अलग रहने की वजह बुरा व्यवहार भी हो सकता है
  • परित्याग का आधार अलग रहना नहीं हो सकता है

नई दिल्ली:

दिल्ली हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि पहले ससुराल छोड़ने के आधार पर पति या पत्नी अलग होने का निर्णय नहीं ले सकते हैं। इसकी वजह यह है कि विवाहित जोड़ों का एक-दूसरे के प्रति बुरा व्यवहार उन्हें अलग रहने के लिए मजबूर कर सकता है।

जस्टिस प्रदीप नंद्राजोग और योगेश खन्ना की बेंच ने कहा कि परित्याग का तात्पर्य सिर्फ एक जगह से वापसी ही नहीं है, बल्कि यह शादी के सभी कर्तव्यों का त्याग है। यह पति या पत्नी का बिना किसी उचित वजह या एक-दूसरे की सहमति के बिना उसे छोड़ देना है।

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हाई कोर्ट ने एक मामले में यह फैसला सुनाया, जिसमें एक फैमिली कोर्ट में पत्नी की ओर से परित्याग किए जाने के आधार पर पति को दिया हुआ तलाक रद्द कर दिया। बेंच ने कहा कि रिकॉर्ड से पता चलता है कि प्रतिवादी (पति) ने अपीलकर्ता (पत्नी) को छोड़ा था, जो आज तक गुजारा भत्ते के लिए लड़ रही है। रिकॉर्ड से यह भी पता चलता है कि पत्नी के पास अलग रहने के लिए पर्याप्त आधार थे।

बेंच ने आगे कहा कि द्वारका स्थित फैमिली कोर्ट के जज ने प्रमाण को सही तरीके से नहीं समझा। अपीलकर्ता (पत्नी) ससुराल छोड़ कर गई थी, लेकिन उसने यह नहीं चाहा था कि उसके वैवाहिक रिश्ते हमेशा के लिए खत्म हो जाएं। फैमिली कोर्ट का फैसला इस तथ्य पर आधारित है कि पत्नी ने 6 सितंबर 2003 को पति की सहमति के बिना ससुराल छोड़ा। पति ने इसे क्रूरता का आधार और पत्नी की ओर से परित्याग बना दिया।

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बेंच के मुताबिक, पत्नी ने गवाही में कहा कि पहले 25 जनवरी 2002 और फिर 6 सितंबर 2003 को पति के बुरे व्यवहार की वजह ससुराल छोड़ा। दोनों बार घर छोड़ते वक्त वो गर्भवती थी।

हाई कोर्ट के अनुसार, पति ने जिरह के समय माना था कि उसने अपनी पत्नी पर बेटे को मारने का आरोप लगाया था। जबकि यह आचरण क्रूरता के दायरे में आता है। गौरतलब है कि इन दोनों के बेटे की मौत जन्म के कुछ घंटे बाद ही हो गई थी।

फैसले में बेंच ने कहा कि 6 सितंबर 2003 को पत्नी के घरवाले उसे ले गए। इस दौरान पति घर से बाहर था और दो दिन बाद झूठे आधार पर तलाक के लिए आवेदन करना, यह जाहिर करता है कि पति अपनी पत्नी को सम्मान नहीं देता था।