DDCA मानहानि मामले में आपस में भिड़े जेटली के वकील और जेठमलानी, बुधवार को होगी अगली सुनवाई
डीडीसीए मामले में चल रहे मानहानि मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली के वकील और अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी के बीच कहा सुनी हुई। जेठमलानी ने अपने लेख में जेटली को भ्रष्ट करार दिया था।
नई दिल्ली:
डीडीसीए मामले में चल रहे मानहानि मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली के वकील और अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी के बीच कहा सुनी हुई। जेठमलानी ने अपने लेख में जेटली को भ्रष्ट करार दिया था।
मानहानि मामले में अरविंद केजरीवाल की ओर से राम जेठमलानी ने अरुण जेटली से सवाल जवाब किया।
जेटली के वकील ने राम जेठमलानी के एक लेख पर आपत्ति जताई थी। जेठमलानी ने लेख में जेटली पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया था।
सवाल जवाब के दौरान जेठमलानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी घसीटा था। उन्होंने कहा, 'आपके चरित्र और प्रतिष्ठा के बारे में प्रधानमंत्री बेहतर राय रख सकते हैं, आप उन्हें गवाह के रूप में क्यों नहीं ले आते।'
और पढ़ें: कुलभूषण जाधव मामला: आईसीजे में घिरा पाकिस्तान, पढ़ें भारत की पूरी दलील
जेठमलानी के इस सवाल पर अरुण जेटली ने अपत्ति करते हुए कहा कि उनके इस सवाल का इस केस से लेना देना नहीं हैं।
जेठमलानी ने फिरोज़शाह कोटला स्टेडियम की मरम्मत कराने में हुए खर्च का मुद्दा भी उठाया। जिसपर जेटली के वकील ने कहा कि जेठमलानी के पास कोई सवाल नहीं रह गया है इस वजह से वो ये बातें पूछ कर मामले को खींच रहे हैं।
इस मामले की सुनवाई अब बुधवार को होगी।
6 और 7 मार्च को हुई सुनवाई के दैरान अरुण जेटली और राम जेठमलानी के बीच सवाल जवाब का सिलसिला दो दिनों तक चला था।
पिछली सुनवाई में राम जेठलमलानी ने जेटली से सीधे तौर पर पूछा था कि वो मानहानि का दावा क्यों कर रहे हैं।? उन्होंने यह भी पूछा थी कि क्या वो मानहानि का मुकदमा कर खुद को महान बताने की कोशिश कर रहे हैं?
जेटली ने कहा था, 'मेरे ख़िलाफ़ जो भी आरोप लगाए गए वो मीडिया मे जाकर लगाये गए, संसद में भी मुझपर इसी तरह के सवाल खड़े किये गए, मेरी छवि को ख़राब करने की कोशिश की गई और ये लगातार 5 दिन तक किया गया। मेरी छवि को जिस तरह से ख़राब किया गया उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती। मेरे द्वारा आरोपों का खंडन किये जाने के बाद भी मेरी छवि खराब की जाती रही।'
और पढ़ें: अमरकंटक में पीएम मोदी, बोले- मां नर्मदा की हमने परवाह नहीं की