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दसॉ एविएशन ने राफेल पर SC के फैसले का किया स्वागत, कहा- 'मेक इन इंडिया' को स्थापित करने के लिए समर्पित

राफेल जेट विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन ने लड़ाकू विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया.

News Nation Bureau
| Edited By :
15 Dec 2018, 06:26:06 AM (IST)

नई दिल्ली:

राफेल जेट विमान बनाने वाली कंपनी दसॉ एविएशन ने लड़ाकू विमान सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राफेल विमान सौदे की अदालत की निगरानी में जांच संबंधी याचिकाओं को खारिज कर दिया. दसॉ एविएशन इस पर बयान जारी करते हुए कहा, 'दसॉ एविएशन पीएम मोदी द्वारा प्रमोट किये गए मेक इन इंडिया को स्थापित करने के लिए समर्पित है. दसॉ एविएशन रिलायंस जॉइंट वेंचर और एक पूर्ण आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क के माध्यम से भारत में सफल उत्पादन सुनिश्चित करेगा.'

रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने भी SC के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि  साबित हो गया कि उनकी कंपनी के खिलाफ लगाए गए आरोप गलत और राजनीति से प्रेरित थे. यह आरोप पूरे तरीके से झूठे और बेबुनियाद है.

Anil Ambani statement: Welcome judgment of Hon'ble Supreme Court today summarily dismissing PILs filed on Rafale contracts, and conclusively establishing complete falsity of wild, baseless and politically motivated allegations levelled against Reliance Group and me personally

— ANI (@ANI) December 14, 2018

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शुक्रवार को राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को क्लीन चिट दी. कोर्ट ने अदालत की निगरानी में जांच संबंधी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि इस सौदे की प्रक्रिया में कुछ भी संदेहजनक नहीं है. अदालत ने कहा कि विमानों की कीमत और राफेल विनिर्माण कंपनी दसॉ द्वारा ऑफसेट साझेदार चुनने की उनकी पसंद पर सवाल करना अदालत का काम नहीं है.पीठ ने आगे कहा कि उन्हें कुछ भी शक करने लायक नहीं लगा. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि रक्षा सौदे मामले में हस्तक्षेप का उन्हें कई कारण नजर नहीं आता. अदालत में दायर इन चारों याचिकाओं में 36 राफेल लड़ाकू विमान सौदे की अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई थी.

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अदालत ने कहा कि हम विमानों की खरीद की प्रक्रिया के हर पहलू पर गौर नहीं कर सकते. अदालत ने ऑफसेट पार्टनर चुनने की पसंद के बारे में कहा कि भारत सरकार की भूमिका पर विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि यह पूरी तरह से दसॉ की पसंद थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ़ करते हुए कहा कि उन्हें सरकार की ओर से किसी को भी लाभ पहुंचने का ठोस सबूत नहीं मिला है. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब 2016 में सौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा था तब किसी ने भी उस वक़्त सवाल नहीं उठाया था.

राफेल सौदे पर सवाल तब उठे जब फ़्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलांद ने बयान दिया, यह न्यायिक समीक्षा का आधार नहीं हो सकता है. पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा, अरूण शौरी, प्रशांत भूषण, मनोहर लाल शर्मा, विनीत ढांडा और आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने याचिका दायर की थी. कोर्ट ने 14 नवंबर को इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की थी.