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कोरोना के इलाज में कामयाब हो रही ये दवा, भारतीय कंपनी ने लॉन्च किए दो वेरिएंट

दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच दुनियाभर के डॉक्टर और वैज्ञानिक इसकी दवा बनाने में लगे हुए हैं. रूस ने तो इसकी दवा बना भी ली है जबकि कई देशों में दवाओं का ट्रायल जारी है.

News Nation Bureau
| Edited By :
26 Aug 2020, 09:25:36 AM (IST)

नई दिल्ली:

दुनियाभर में कोरोना का कहर जारी है. कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच दुनियाभर के डॉक्टर और वैज्ञानिक इसकी दवा बनाने में लगे हुए हैं. रूस ने तो इसकी दवा बना भी ली है जबकि कई देशों में दवाओं का ट्रायल जारी है. इस बीच कई लोग फेविपिराविर दवा को भी कोरोना मरीजों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. इस दवा को इस बीमारी से लड़ने के लिए कारगर माना जा रहा है. भारतीय दवा कंपनी ने भी इसके दो वेरिएंट लॉन्च कर दिए हैं.

भारतीय दवा कंपनी एफडीसी लिमिटेड ने फेविपिराविर (Favipiravir) के दो वेरिएंट पाईफ्लू (PiFLU) और फैवेंजा (Favenza) लॉन्च किए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एफडीसी लिमिटेड ने इन दोनों वेरिएंट के एक टैबलेट की कीमत 55 रुपए रखी है. इन दोनों ही वेरिएंट का इस्तेमाल हल्के और मध्यम लक्षणों वाले कोरोना मरीजों पर किया जाएगा. कंपनी की मानें तो कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इस दवा को मंजूरी भी दे दी है. बताया रहा है कि ये एंटीवायरल दवा मरीजों में क्लिनिकल रिकवरी को तेज करने में कारगर साबित हुई है. दावा किया जा रहा है कि पाइफ्लू से मरीदों की बिगड़ती हालत को संभालने में मदद मिलेगी. 

क्या है कोरोना की स्थिति?


विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 के मामलों के बढ़ने की वजह इलाज करवाने के लिए दूसरे प्रदेशों से मरीजों का दिल्ली आना, अर्थव्यवस्था का फिर से खुलना तथा रैपिड एंटीजन जांच की संवेदनशीलता का कम होना हो सकते हैं. जून महीने की शुरुआत में संक्रमित मामलों की दर 30 फीसदी थी जो जुलाई के अंत तक कम होकर छह फीसदी से कम रह गई.

मामले भी घटना शुरू हो चुके थे लेकिन बीते एक हफ्ते में मामले फिर बढ़ने लगे. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को जारी बुलेटिन के मुताबिक संक्रमितों की दर 8.9 फीसदी है जिससे विशेषज्ञों के माथे पर बल पड़ गए हैं. रविवार को दिल्ली में अगस्त माह के सर्वाधिक 1,450 मामले सामने आए थे.