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शाहीन बाग के मंच पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर विवाद, पत्रकारों को बाहर निकाला, देखें VIDEO

एक बार शाहीन बाग में न्यूज नेशन के पत्रकार को निशाना बनाया गया. पिछले कुछ दिन पहले दीपक चौरसिया के साथ हाथापाई हुई थी

31 Jan 2020, 12:20:05 AM (IST)

नई दिल्ली:

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों का गुरुवार रात 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस होनी थी. इसके लिए मीडियाकर्मी वहां पहुंचे थे. इस दौरान शाहीन बाग के मंच पर प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर विवाद हो गया. जिन मीडियाकर्मी को अंदर बुलाया गया, बाद में सभी को बाहर निकाल दिया गया. मंच के अलग-अलग ग्रुप में प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर सहमति नहीं बनी. कुछ मीडियाकर्मियों के साथ बदसलूकी हुई है.

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वहीं इस दौरान न्यूज नेशन के संवाददाता अवनीश चौधरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कवर करने गए थे. इस दौरान उसके साथ बदसलूकी की गई. वे अपने मोबाइल से वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे. इस दौरान भीड़ ने उन्हें घेर लिया और गुस्सा जाहिर करने लग गया. प्रदर्शनकारियों ने उसके साथ मिसविहेव किया. प्रदर्शनकारियों ने उनके फोन से वीडियो डिलीट करवाया, इसके बाद उन्हें, वहां से जाने दिया. एक बार शाहीन बाग में न्यूज नेशन के पत्रकार को निशाना बनाया गया. पिछले कुछ दिन पहले दीपक चौरसिया के साथ हाथापाई हुई थी. आज फिर न्यूज नेशन के पत्रकार को टारगेट किया गया.

वहीं प्रदर्शन स्थल पर एक अज्ञात नंबर की कार पहुंची. उनमें से कुछ युवक निकले और प्रदर्शनकारियों को गाली देकर भाग गए. बता दें कि दिल्ली के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) में नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है, जिससे दिल्लीवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. पिछले दिनों शाहीन बाग प्रोटेस्ट को कवरेज करने गए न्यूज नेशन के वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया के साथ बदसलूकी की. साथ ही न्यूज नेशन का कैमरा भी तोड़ दिया गया. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर खुलेआम हमला हो रहा है और दिल्ली पुलिस हाथ-पर-हाथ रखे बैठी हुई है.

तिरंगा और भारतीय लोकतंत्र की दुहाई देते हुए पिछले एक महीने से अधिक समय से शांतिप्रिय धरना प्रदर्शन कर रहे शाहीनबाग के कुछ लोग हिंसा फैला रहे हैं. शाहीनबाग में पुलिस की मौजूदगी में प्रदर्शनकारियों ने न्यूज नेशन के पत्रकार दीपक चौरसिया पर हमला किया है. इससे दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठना लाजमी है. शाहीन बाग में प्रदर्शन के नाम पर कई असामाजिक तत्व हिंसा फैला रहे है. ऐसे हिंसात्मक लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी चाहिए, लेकिन दिल्ली पुलिस मौन होकर सिर्फ तमाशा देख रही है. अगर ऐसा ही रहा तो हिंसा फैलाने वाले लोगों का मनोबल बढ़ जाएगा.