मोहन भागवत ने फिर अलापा अयोध्या राग, कहा- राम मंदिर का निर्माण इच्छा नहीं संकल्प
मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहा कि हमने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया है।
नई दिल्ली:
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने एक बार फिर से अयोध्या में राम मंदिर बनाने का राग अलापा है। मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए भागवत ने कहा कि हमने अयोध्या में राम मंदिर बनाने का संकल्प लिया है।
बता दें कि आरएसएस (राष्ट्रीय स्वंय सेवक) प्रमुख बुधवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के मऊसहानियां में महाराजा छत्रसाल की 52 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण समारोह में पहुंचे थे।
भागवत ने कहा, 'राम मंदिर का निर्माण सिर्फ इच्छा नहीं, संकल्प है। राम मंदिर बनाने वालो को कुछ न कुछ करना होगा। राम मंदिर निर्माण कब होगा मूल प्रश्न यही है, इस निमित्त हमें अपने आप को तैयार करना होगा।'
मोहन भागवत ने वर्तमान समय को राम मंदिर निर्माण का सबसे अनुकूल समय बताते हुए कहा, 'राम मंदिर बनने के लिए समय अनुकूल है, इसलिए राम मंदिर बनाने वालों को राम जैसा बनना पड़ेगा। तभी यह कार्य संभव है।'
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आरएसएस के सरसंघ चालक ने कहा, 'महाराज छत्रसाल ने समाज के सब लोगों को जोड़कर अपने साम्राज्य की स्थापना की थी, महाराज छत्रसाल शिवाजी महाराज के पास पहुंचे और उनसे परिस्थितिवश सम्प्रदाय की प्रजा के बीच भेद उत्पन्न करने वाले दुश्मनों को ठिकाने लगाने उनकी सेना में शामिल होने का मन बनाया था, लेकिन शिवाजी ने महाराज छत्रसाल को अपने परिश्रम से प्रजा की रक्षा करने हेतु वापस कर दिया था।'
डा. मोहन राव भागवत ने कहा कि महाराज छत्रसाल को भय दूर-दूर तक नहीं था, चंद साथियों के साथ दुश्मनों से भिड़ जाने में वे माहिर रहे।
प्रतिमा अनावरण समारोह में मोहन भागवत के साथ मंच पर न छत्रसाल के वंशजों को बैठने दिया गया और न ही नेताओ को, उनके साथ मंच साझा किया केवल धर्म गुरुओ ने किया।
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