रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता जरूरी, प्रतिद्वंद्वी के तुलना में हम थोड़ा पीछे : सेना प्रमुख
सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से साल 2020 में देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. भारतीय सेना भी इन चुनौतियों से अछूती नहीं रही.
दिल्ली:
सेना प्रमुख मनोज नरवणे ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से साल 2020 में देश को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. भारतीय सेना भी इन चुनौतियों से अछूती नहीं रही. उन्होंने बताया कि हमारे विरोधियों द्वारा किए जा रहे रक्षा क्षेत्र में आधुनिकीकरण की गति को देखते हुए, हम थोड़ा पीछे रह गए हैं. विदेशी मूल के हथियारों पर भारतीय सेना की भारी निर्भरता को स्वदेशी हथियारों एवं उपकरण से कम करने की जरुरत है.
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि 2020 एक अद्वितीय वर्ष था, जहां कोविड-19 के साथ उत्तरी सीमाओं पर कई चुनौतियां आईं. पिछले साल की चुनौतियों ने ग्लोबल सप्लाई सिस्टम की कमियों को सामने ला दिया है, जिससे आत्मनिर्भरता की जरूरत का पता चला. उन्होंने कहा कि आज रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता एक रणनीतिक आवश्यकता भी बन गई है. इस वजह से पूरे स्पेक्ट्रम में दीर्घकालिक क्षमताओं का निर्माण अनिवार्य हो गया है.
जनरल नरवणे ने कहा कि निजी उद्योग आज हमें बड़े रक्षा प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहे हैं, जिसमें आर्टिलरी गन, रडार, बड़ी संख्या में हथियार और उपकरण शामिल हैं. आत्मनिर्भर भारत देश को सभी क्षेत्रों में खुद पर निर्भर रहने और ग्लोबल अर्थव्यवस्था में मुख्य खिलाड़ी बनने में समर्थ बनाएगा. उन्होंने एक बार फिर से साफ किया कि भारतीय सेना हर बड़ी चुनौतियों से निपटने में सक्षम है.