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सोनिया गांधी ने 'गांधी चेतना रैली' को किया संबोधित, बोलीं- कांग्रेस गरीबों के लिए काम करती है

कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को बिहार के चंपारण में गांधी चेतना रैली को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में बिहार के चंपारण की धरती को नमन किया. उन्होंने कहा कि ये वही जगह है जहां से मोहन दास करमचंद गांधी ने एक गौरवशाली सत्याग्

News Nation Bureau
| Edited By :
02 Oct 2020, 11:47:44 PM (IST)

नई दिल्ली:

कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को बिहार के चंपारण में गांधी चेतना रैली को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में बिहार के चंपारण की धरती को नमन किया. उन्होंने कहा कि ये वही जगह है जहां से मोहन दास करमचंद गांधी ने एक गौरवशाली सत्याग्रह की शुरुआत की थी. कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को बिहार के चंपारण में गांधी चेतना रैली को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में बिहार के चंपारण की धरती को नमन किया. उन्होंने कहा कि ये वही जगह है जहां से मोहन दास करमचंद गांधी ने एक गौरवशाली सत्याग्रह की शुरुआत की थी. यहां के बेसहारा किसानों, मजदूरों, महिलाओं और गरीबों को बिना खड़ग, बिना ढाल अंग्रेजी हुकूमत के भय और शोषण से मुक्ति दिलाई थी. इसी चंपारण के सत्याग्रह से प्रभावित होकर गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर ने उन्हें महात्मा की उपाधि दी थी और गांधी जी मानव से महान मानव बन कर ना सिर्फ भारत बल्कि विश्व का मार्गदर्शन करने लगे.

स्वतंत्रता सेनानियों को भी स्मरण और नमन कर रही हूं

बिहार की गरीबी और चिंताजनक दशा से दुखी होकर उन्होंने फकीर का जीवन अपनाया था. महिलाओं, गरीबों, दलितों को शिक्षित और सशक्त करने का बीड़ा उठाया था. इसके साथ गांधी जी की प्रतिमा के अनावरण के इस पावन अवसर पर मैं सभी समुदायों और वर्गों के उन स्वतंत्रता सेनानियों को भी स्मरण और नमन कर रही हूं, जिन्होंने चंपारण आंदोलन में गांधी जी को अपना पूर्ण सहयोग और समर्थन दिया. आज मैं लाल बहादुर शास्त्री जी का नाम भी लेना चाहती हूं, क्योंकि आज हम उनका जन्मदिवस भी मना रहे हैं. ‘जय जवान, जय किसान’ उनका नारा हम सबको इस कठिन समय में पहले से ज्यादा प्रेरणा देता है. कांग्रेस पार्टी के लिए तो महात्मा गांधी जी के विचार पार्टी की आत्मा है. उनके लिए प्रगति का अर्थ मनुष्य का समग्र विकास था.

कांग्रेस गरीबों के उत्थान के लिए कार्य करती है

उनके लिए राष्ट्र के विकास का मतलब देश के सबसे गरीब व्यक्ति को उस विकास के अहसास से था, यह नहीं कि केवल चंद लोगों के विकास से. जैसे चंपारण में नील की खेती से कुछ लोग मालामाल हो रहे थे, लेकिन हजारों-हजार किसान गरीबी और भुखमरी के शिकार हो रहे थे. गांधी जी के लिए यह घोर अन्याय और पाप था. इसी कारण कांग्रेस पार्टी की हर कार्य योजना देश के जनता को ध्यान में रखकर बनती है, ना कि चंद लोगों के लिए. जब भी कांग्रेस गरीबों के उत्थान के लिए कार्य करती है, तो कुछ शक्तियां अपने निजी स्वार्थ में उनके विरोध में खड़ी हो जाती हैं.

कोरोना महामारी के दौरान करोडों लोग भुखमरी के शिकार हो गए होते

आपको याद होगा, जब कांग्रेस देश के ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी को दूर करने के लिए मनरेगा लाई, तो उसका किसने विरोध किया. किसने उसका मजाक उड़ाया? अगर आज मनरेगा जैसी योजना नहीं होती, तो इस कोरोना महामारी के दौरान करोडों लोग भुखमरी के शिकार हो गए होते. आप देख रहे हैं और समझ रहे हैं कि आज देश में ऐसी नीतियां चल रही हैं कि गिनती के चंद लोग, उस समय के चंपारण के नील की खेती की तरह, आज मालामाल हो रहे हैं. उनके लिए तो विकास की आंधी आ गई है, लेकिन दूसरी तरफ देश में करोडों युवाओं का रोजगार छीना जा रहा है. लाखों लाख छोटे और कुटीर उद्योग बंद हो रहे हैं. किसान की हालत आप तो देख ही रहे हैं. आप देख रहे हैं कि कांग्रेस के शासनकाल में जो देश को सबसे रोजगार देने वाली संस्थाएं थी, उनका निजीकरण किया जा रहा है. नए रोजगार की बात तो छोडिए, जिनको रोजगार मिला था, उनकी छंटनी हो रही है.

कांग्रेस पार्टी ने हर समय सत्य को अपनी कार्यशैली में अपनाया 

महात्मा गांधी जी के लिए सत्य ही ईश्वर था. कांग्रेस पार्टी ने हर समय सत्य को अपनी कार्यशैली में अपनाया है, उसी का परिणाम था कि जब आमजन को सरकार के अधिकारियों और मंत्रियों की कार्यशैली पर शक होने लगा, किसी पर भी कोई आरोप लगा तो यूपीए सरकार ने तुरंत कार्यवाही की. आज के समय इसके ठीक उल्टा हो रहा है. यही नहीं सरकारों को पारदर्शी बनाने के लिए, भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए सूचना का अधिकार जैसा ऐतिहासिक कानून हमारी यूपीए सरकार ने बनाया. भारत के हर नागरिक को यह अधिकार दिया कि आप किसी अधिकारी, मंत्री या कार्य योजना के बारे में कानूनी तौर पर जानकारी हासिल कर सकते हैं. लेकिन आज भ्रष्टाचार से लड़ने वाले सूचना के अधिकार के कानून को इतना कमजोर, इतना कमजोर किया कि आप सवाल पूछते जाओ, मगर आपको जवाब कभी नहीं मिलेगा. जवाब क्यों नहीं मिलेगा इसे आप सब खुद समझ सकते हैं.

गांधी जी के उसूलों और आदर्शों को चूर-चूर कर दिया

यही नहीं, यूपीए सरकार का चाहे वह रोजगार से जुड़ा हो, स्वास्थ्य या शिक्षा से जुड़ा हो, किसानों से जुड़ा हो, खाद्य से जुड़ा हो, महिलाओं की सुरक्षा या सशक्तिकरण से जुड़ा हो, कामगारों-गरीबों से जुड़ा कानून हो, उन सभी कानूनों को मौजूदा मोदी सरकार ने इतना कमजोर कर दिया जिससे आम नागरिकों के हितों पर प्रहार हुआ है, उनके अधिकारों को छीना है. महात्मा गांधी जी अहिंसा के पुजारी थे, मानवता के पुजारी थे. उनकी निगाह में कतार में खड़ा समाज का अंतिम व्यक्ति होता था, वंचित व्यक्ति होता था, वे सबको बराबरी की निगाह से देखते थे. आज कुछ लोग गांधी जी का नाम जोर-शोर से तो लेते हैं, लेकिन अपने कार्यों से उनके उसूलों और आदर्शों को चूर-चूर कर दिया है. आप खुद देखिए चारों तरफ हिंसा, चारों तरफ अराजकता, अत्याचार, दुराचार, जानबूझ कर समाज में भेदभाव का माहौल बनाया जा रहा है, बेगुनाहों पर ज़ुल्म किए जा रहे हैं.

लोग भावना, भ्रम और भय का व्यापार करके सरकार चला रहे

भाईयों और बहनों, बस अब बहुत हो गया है, मैं बस इतना कहना चाहती हूं कि कुछ लोग भावना, भ्रम और भय का व्यापार करके सरकार चला रहे हैं. आप उन सबसे सावधान रहें और सही निर्णय लें. इसके लिए गांधी जी के सत्य, अहिंसा और स्वराज के मार्ग पर चलते हुए हम सबको एकजुट होकर लड़ना होगा. यही महात्मा गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी. कांग्रेस पार्टी गांधी जी के सत्य और अंहिसा के मार्ग पर चलकर लगातार संघर्ष करेगी और आखिर में आप सभी के सहयोग से सफलता पाएगी. अंत में मैं बिहार की इस महान् भूमि, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मभूमि और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की कर्मभूमि बिहार को नमन करते हुए आप सभी को अपनी शुभकामनाएँ देती हूं.