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जम्मू जाने से रोकने पर गुलाम नबी आजाद बोले- यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है

कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को मंगलवार को जम्मू एयरपोर्ट पर रोकने के बाद वापस दिल्ली भेज दिया गया है.

20 Aug 2019, 06:29:16 PM (IST)

नई दिल्ली:

कांग्रेस सांसद और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को मंगलवार को जम्मू एयरपोर्ट पर रोकने के बाद वापस दिल्ली भेज दिया गया है. दरअसल, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटने के बाद विपक्षी पार्टियों के विरोध के सुर तेज हो गए हैं. इसी क्रम में गुलाम नबी आजाद ने दोबारा जम्मू-कश्मीर के लोगों से मिलने की कोशिश की है. 

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बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और जम्मू-कश्मीर के कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर (Gulam Ahmed Mir) को श्रीनगर एयरपोर्ट से दिल्ली लौटा दिया गया था. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद से विपक्ष वहां जाने के लिए परेशान हैं, लेकिन केंद्र सरकार सुरक्षा के लिहाज और शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए किसी भी नेता को वहां जाने दे रही है.

जम्मू से वापस दिल्ली भेजने के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा, यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है. अगर मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के नेता जम्मू-कश्मीर का दौरा नहीं करेंगे तो वहां कौन जाएगा?. जेएंडके के तीन पूर्व सीएम पहले से ही घर में नजरबंद हैं और जेएंडके के एक पूर्व सीएम को राज्य में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है. यह असहिष्णुता का संकेत है.

Jammu and Kashmir: Leader of Opposition in Rajya Sabha, Ghulam Nabi Azad, was stopped at Jammu Airport earlier this afternoon. He has been sent back to Delhi. (file pic) pic.twitter.com/HQckboE4yw

— ANI (@ANI) August 20, 2019

वहीं, सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने आर्टिकल 370 हटाने को केंद्र सरकार का गलत निर्णय करार देते हुए इसे वापस लेने की बात की. यही नहीं, एक कदम आगे बढ़ते हुए उन्होंने 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि सुरक्षा बल नौजवानों को घर से जबरन उठाकर उन्हें टॉर्चर कर रहे हैं.

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कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा था, 'मैं सरकार से विगत दिनों लिए गए गलत निर्णय को वापस लेने की मांग करता हूं. सरकार के इस गलत निर्णय से जम्मू-कश्मीर राज्य में कोई भी खुश नहीं है. ऐसे में आर्टिकल 370 हटाए जाने संबंधी निर्णय को वापस लिया जाना चाहिए. इसके साथ ही घरों में नजरबंद विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भी तुरंत रिहा करना चाहिए. राज्य में स्थितियां सामान्य बनाए जाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाने चाहिए.'