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Coal Crisis: 24 दिनों के लिए है कोयले का स्टॉक, ज़बरदस्ती फैलायी जा रही है दहशत

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को गेल और टाटा पावर को गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के खिलाफ चेतावनी दी. बता दें कि कंपनी ने कहा था कि देश में कोयले का भंडार अगले सिर्फ 4-5 दिनों के लिए बचा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Oct 2021, 05:01:34 PM (IST)

highlights

  • ऊर्जा मंत्री ने कांग्रेस नेताओं पर बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी बताने पर लिया आड़े हाथ
  • मंत्री ने गेल और टाटा पावर के ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ की भी आलोचना की
  • दिल्ली में बिजली आपूर्ति मांग के मुताबिक है और भविष्य में भी की जाएगी

नई दिल्ली:

देश भर में बिजली उत्पादन संयंत्रों के पास पर्याप्त कोयले का भंडार है. कोयले की कमी  (Coal Crisis) को लेकर अफवाह फैलायी जा रही है. कोयले की कमी से आसन्न बिजली संकट के अफरा-तफरी के बीच ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (Power Minister RK Singh) ने नाराज़गी जताई है. उन्होंने कहा है कि बिजली कंपनियां और राज्य सरकारें जबरदस्ती लोगों में दहशत फैला रही है. कंपनियों का ये व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना है. दरअसल पिछले कुछ दिनों से दावा किया जा रहा है कि कोयले की कमी के चलते कई राज्यों में ब्लैक आउट की नौबत आ सकती है. कहा जा रहा है कि पावर प्लांट्स को जरूरत के मुताबिक कोयला नहीं मिल रहा है.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को गेल और टाटा पावर को गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के खिलाफ चेतावनी दी. बता दें कि कंपनी ने कहा था कि देश में कोयले का भंडार अगले सिर्फ 4-5 दिनों के लिए बचा है.

केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी सभी को आश्वस्त करते हुए कहा कि बिजली आपूर्ति बाधित होने का बिल्कुल भी खतरा नहीं है. कोल इंडिया लिमिटेड के पास कोयले की 24 दिनों की मांग के बराबर 43 मिलियन टन का पर्याप्त कोयला स्टॉक है.

बिजली मंत्रालय, बीएसईएस और टाटा पावर के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद आरके सिंह ने कहा, ‘कल (शनिवार) शाम को मुझे दिल्ली के एलजी का फोन आया. उन्होंने मुझे बताया कि दिल्ली के सीएम ने बिजली संकट को लेकर उन्हें पत्र लिखा है. दिल्ली में बिजली आपूर्ति मांग के मुताबिक है और भविष्य में भी की जाएगी.’

दहशत को बिना किसी आधार के बताते हुए आरके सिंह ने कहा कि ये मुद्दा इसलिए शुरू हुआ क्योंकि गेल ने दिल्ली डिस्कॉम को एक मैसेज भेजा. जिसमें उन्होंने लिखा कि वे अनुबंध समाप्त होने के कारण आपूर्ति बंद करने जा रहे हैं. मंत्री ने कहा, ‘मैंने निर्देश दिया है कि आपूर्ति किसी भी हाल में बंद नहीं होनी चाहिए. कहीं कोई संकट नहीं है. यह एक अनावश्यक संकट है.’

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मंत्री ने गेल और टाटा पावर के ‘गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार’ की भी आलोचना की और आश्वासन दिया कि देश के पास अभी भी 4-5 दिनों का रिजर्व है. उन्होंने कहा, ‘हमारा कोयला स्टॉक बनाया जा रहा है, चिंता की कोई बात नहीं है. लोगों को पता होना चाहिए कि हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं. ये स्थिति इसलिए है क्योंकि मांग में वृद्धि हो रही है. डिमांड अधिक है, इसका मतलब है कि आर्थिक विकास हो रहा है.’

We have an average coal reserve (at power stations) that can last for more than 4 days. The stock is replenished every day. I am in touch with (Union Minister for Coal & Mines) Pralhad Joshi: Union Power Minister RK Singh after chairing a meeting with discoms in Delhi pic.twitter.com/zKX5ndo7OQ

— ANI (@ANI) October 10, 2021

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह कांग्रेस नेताओं पर बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी पर टिप्पणी करते  हुए कहा कि दुर्भाग्य से, कांग्रेस पार्टी के पास विचार खत्म हो गए हैं. वे वोट की राजनीति से बाहर चल रहे हैं और इसलिए वे विचारों से भी भाग रहे हैं.

Unfortunately, the Congress party has run out of ideas. They are running out of votes and therefore they are running out of ideas as well: Union Power Minister RK Singh on Congress leaders remarks on coal shortage in power plants pic.twitter.com/qFCXhcwx1k

— ANI (@ANI) October 10, 2021

बता दें कि पिछले दिनों पड़ोसी देश चीन में ब्लैक आउट की नौबत आ गई थी. वहां हालात को संभालने के लिए कई फैक्ट्री और स्कूल को बंद करने पड़े थे. भारत में कोयले से चलने वाले 135 पावर प्लांट हैं. देश की 70 फीसदी बिजली यहीं से आती है. सेंट्र्ल ग्रीड ऑपरेटर के डेटा के मुताबिक यहां फिलहाल तीन दिनों से कम का स्टॉक बचा है.