एसबीआई बनेगा और विशाल, कैबिनेट ने पांच सहयोगी बैंकों के विलय की दी मंजूरी
एसबीआई में पांच सहयोगी बैंकों के विलय की कैबिनेट ने दी मंजूरी, महिला बैंक के विलय पर फिलहाल फैसला नहीं। 5 एसोसिएट बैंक के एसबीआई में विलय के बाद एसबीआई बनेगा महाबैंक।
नई दिल्ली:
केंद्रीय कैबिनेट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) में उसकी पांच सब्सिडियरी बैंकों के विलय की मंजूरी दे दी है। इस अहम फैसले की जानकारी बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी। उन्होंने बताया कि महिला बैंक के विलय पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है।
इस फैसले के बाद एसबीआई को ग्लोबल बैंक बनने में काफी मदद मिलेगी। इससे पहले एसबीआई ने भी अक्सर सहयोगी बैंकों को अपने साथ मिलाने की इच्छा जताई थी लेकिन फंड के चलते ऐसा नहीं हो पा रहा था। इस फैसले के बाद एसबीआई के 5 एसोसिएट बैंक स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद एसबीआई के साथ विलय हो जाएंगे।
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इससे पहले एसबीआई बोर्ड ने पिछले साल ही सब्सिडियरी बैंकों और भारतीय महिला बैंक को अपने साथ मिलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बैंक बोर्ड की मंजूरी के इस प्रस्ताव को सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। जिस पर कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने एसबीआई की सब्सिडयरी 5 बैंकों के विलय की मंज़ूरी दे दी हालांकि महिला बैंक के प्रस्ताव पर सरकार ने फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है।
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भारतीय स्टेट बैंक को ग्लोबल बैंक बनाने की दिशा में सरकार ने यह कदम उठाया है। एसबीआई के मुताबिक, 'अप्रैल तक यह विलय पूरा होने की उम्मीद है। विलय प्रक्रिया में कम से कम 30 दिन का समय लगता है। फिलहाल 5 एसोसिएट बैंकों का ही विलय होगा, जबकि सरकार के फैसले के बाद महिला बैंक का विलय होगा।'
यहां यह बता दें कि जिन 5 बैंकों का एसबीआई में विलय होना हैं इनमें से 3 बैंक शेयर बाज़ार में लिस्टेड है। ऐसे में अगला कदम किस प्रकार बैंक उठाएगा और इन तीनों बैंकों के शेयर डीलिस्ट कर एसबीआई विलय की प्रक्रिया पूरा करने में कुछ और वक्त लग सकता है।
इस मेगा मर्जर के बाद एसबीआई के कुल ब्रांचों की संख्या बढ़कर 22,927 हो जाएगी और कुल कर्मचारियों की संख्या 2.52 लाख से ज्यादा होगी।