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क्या इस राज्य में नहीं लागू होगा CAA? ओवैसी ने इस कानून को लेकर दिया यह बयान

CAA: केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
12 Mar 2024, 06:24:24 AM (IST)

New Delhi:

CAA: केंद्र की मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. यह कानून हमारे तीन पड़ोसी देशों (पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश) के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने वाला है. अब चूंकि लोकसभा चुनाव निकट हैं और यह कानून देशभर में लागू होने वाला है तो ऐसे में इसको लेकर राजनीति होना लाजमी है. इस क्रम में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने साफ कर दिया है कि वह सीएए को अपने राज्य में लागू नहीं होने देंगे. वहीं, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और एआईएमआईएम चीफ असुद्दीन ओवैसी ने भी सीएए का विरोध किया है.

मुख्यमंत्री विजयन ने सीएए को सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी कानून बताया

केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने सीएए को सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी कानून बताया है. उन्होंने कहा कि हम इस कानून को राज्य में किसी हाल में लागू नहीं होने देंगे. वहीं, हैदराबाद से सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन के मुखिया असुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा चुनाव के समय सीएए के नियमों को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि क्रोनोलॉजी पर नजर डालिए...पहले चुनावी मौसम आएगा और फिर नागरिकता संशोधन कानून के नियम आएंगे. उन्होंने कहा कि सीएए पर हमारी आपत्तियां पहले की तरह हैं. यह एक विभाजनकारी कानून है और गोडसे के विचारों से प्रेरित है. ओवैसी ने कहा कि यह कानून मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता है. ओवैसी ने कहा कि किसी भी ऐसे व्यक्ति का शरण दी जा सकती है जो सताया हुआ है, लेकिन धर्म या राष्ट्रीयता पर आधारित नागरिकता नहीं होनी चाहिए. सरकार के पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि सरकान ने इस कानून को 5 साल तक पेंडिंग क्यों रखा. उन्होंने कहा कि सीएए, एनआरसी और एनपीआर का उद्देश्य केवल मुस्लिमों को टारगेट करना है.

संविधान में हर व्यक्ति को उसके धर्म का पालन करने का अधिकार

केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि इतना विलंब क्यों किया? और अगर विलंब किया तो चुनाव के बाद क्या दिक्कत थी?... संविधान में हर व्यक्ति को उसके धर्म का पालन करने का अधिकार है... मेरे मत में ये(CAA) भारतीय संविधान के खिलाफ है.