बजट 2017: पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती संभव
आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली कर सकते हैं पेट्रोल-डीज़ल एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की घोषणा।
नई दिल्ली:
1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली पेट्रोल-डीज़ल के दामों में लगने वाले एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की घोषणा कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक पेट्रोल पर 2 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल में 3 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती की जा सकती है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से वैश्विक क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट का फायदा भारत के ग्राहकों को नहीं मिल पाया है, क्योंकि सरकार लगातार राजस्व बरकरार रखने के चलते पेट्रो उत्पादों पर एक्साइज़ ड्यूटी में बढ़ोतरी करती रही है।
2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार के आने के बाद से पेट्रोल पर एक्साइज़ ड्यूटी 11.77 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ चुकी है जबकि डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी 13.37 रुपये प्रति लीटर तक हो चुकी है।
फिलहाल ग्राहक पेट्रोल पर 21.48 रुपये प्रति लीटर एक्साइज़ ड्यूटी अदा कर रहे हैं जबकि डीज़ल पर 17.33 रुपये प्रति लीटर एक्साइज़ ड्यूटी चुका रहे है। पेट्रोलियम मंत्रालय के मुताबिक आने वाले दिनों में क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है।
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मई 2014 से अब तक क्रूड ऑयल की कीमतों में करीब आधा प्रतिशत तक की गिरावट आ चुकी है लेकिन एक्साइज़ ड्यूटी में बढ़ोतरी के चलते ग्राहकों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक घरेलू तेल उत्पादकों की मांग पर वित्त मंत्री अरुण जेटली आम बजट में घरेलू कच्चे तेल पर लगने वाली एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती कर सकते हैं।
तेल उत्पादक कंपनियां भारत में उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री पर लगने वाले सेस में सरकार से 8% तक की कमी चाहते हैं। द आयल इंडस्ट्री (डेवलपमेंट) ऐक्ट, 1974 के तहत घरेलू तेल उत्पादन पर एक्साइज ड्यूटी के तहत सेस (कर) लिया जाता है।
इस सेस को तेल उत्पादक कंपनियां रिफाइनरियों से वसूल नहीं कर सकती है। इस वजह से यह सेस उत्पादन पर लगने वाली लागत के ही अंतर्गत आता है। गौरतलब है कि 2012 में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास थी और अब यह घटकर 54 डॉलर प्रति बैरल के करीब हो गई है।
वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी भारी गिरावट हुई है लेकिन सेस के चलते पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बहुत अंतर नहीं आया है। अगर सरकार तेल उत्पादक कंपनियों की मांग पर एक्साइज़ ड्यूटी में कटौती करती है तो इसका असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर भी होगा और दामों में कमी आएगी।
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