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ब्रह्मोस इंजीनियर केस : 'पाकिस्तानी हैंडलर्स' ने निशांत को US में दिया था जॉब का ऑफर

जासूसी के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किए गए डीआरडीओ के कर्मचारी निशांत अग्रवाल को पाकिस्तानी सहयोगियों के द्वारा अमेरिका में मोटी तनख्वाह पर नौकरी दिलाने का वादा किया गया था.

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Oct 2018, 04:31:30 PM (IST)

नई दिल्ली:

जासूसी के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार किए गए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के कर्मचारी निशांत अग्रवाल को पाकिस्तानी सहयोगियों के द्वारा अमेरिका में मोटी तनख्वाह पर नौकरी दिलाने का वादा किया गया था. एक गुप्त सूत्रों ने यह जानकारी दी. एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद हुई निशांत से पूछताछ में उन्होंने बताया कि उन्हें पाकिस्तानी महिला (डील का प्रबंधन करने वाली) के द्वारा अच्छे जॉब का ऑफर दिया गया था और जाल में फंसाया गया. जांच में ये सभी खाते पाकिस्तान के पाए गए हैं.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, जांच एजेंसियां जांच कर रही है कि निशांत अग्रवाल ने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस के बारे में संवदेनशील आंकड़े अपने गुप्त सहयोगी को साझा किए थे या नहीं, जो संदिग्ध रूप से पाकिस्तान के बताए जा रहे हैं.

मंगलवार को ब्रह्मोस एयरोस्पेस के वरिष्ठ सिस्टम इंजीनियर निशांत अग्रवाल को उत्तर प्रदेश के आतंकरोधी दस्ते (एटीएस) की तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड में भेजा गया है. अधिकारियों ने कहा था 'उसे मंगलवार को नागपुर सत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जहां न्यायालय ने उसे उत्तर प्रदेश एटीएस की ट्रांजिड रिमांड में भेज दिया.'

जांच टीम निशांत अग्रवाल के बैंक खातों की भी जांच करने जा रही है ताकि पता लग सके कि उसके सहयोगियों ने किसी भी तरह के पैसे भेजे हैं कि नहीं. सूत्रों ने बताया कि वह तीन अलग-अलग फेसबुक अकाउंट से बातचीत करता था.

सोमवार को यूपी एटीएस के महानिरीक्षक (आईजी) असीम अरुण ने इस गिरफ्तारी को लेकर कहा था, 'उनके पर्सनल कंप्युटर पर काफी संवेदनशील जानकारियां पाई गई. व्यक्ति का नाम निशांत अग्रवाल है. हमनें उनके फेसबुक पर पाकिस्तानी आईडी के साथ चैटिंग का प्रमाण भी पाया है.'

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यूपी एटीएस के सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के नागपुर के उज्ज्वल नगर निवासी निशांत अग्रवाल को उसके घर से गिरफ्तार किया गया. उन्होंने बताया कि फेसबुक पर पाकिस्तान से महिलाओं की छद्म आईडी बनाने और भारत में संवेदनशील स्थानों पर काम कर रहे लोगों को फंसाने की कार्यप्रणाली सामने आने के बाद से यूपी एटीएस इस पर निगाह रख रही थी.