हाईवे पर 9 हजार ब्लैक स्पॉट, रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए मार्च 2025 तक पूरा होगा चुनौतीपूर्ण लक्ष्य
बीते तीन साल में करीब 4,000 ‘ब्लैक स्पॉट’ को ठीक करने की कवायद की गई है. उन्होंने कहा,‘वर्तमान में 9 हजार से ज्यादा ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है.
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार देश में नए-नए एक्सप्रेसवे और हाईवे तैयार करने में लगी है. इस तरह से रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की कोशिश हो रही है. वहीं सरकार का लक्ष्य है कि हाईवे की मरम्मत करना भी है. इस कड़ी में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर 9 हजार दुर्घटना के संभावित स्थलों (ब्लैक स्पॉट) को मार्च 2025 तक ठीक करने का लक्ष्य रखा गया है. मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने बुधवार को यह सूचना दी है.
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इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (IRF) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि बीते तीन साल में करीब 4,000 ‘ब्लैक स्पॉट’ को ठीक करने की कवायद की गई है. उन्होंने कहा,‘वर्तमान में 9 हजार से ज्यादा ब्लैक स्पॉट की पहचान की गई है. मंत्रालय ने देश के सभी ब्लैक स्पॉट को बेहतर करने के लिए मार्च, 2025 तक का लक्ष्य तय किया है.
जवाबदेह बनाया जाएगा
राष्ट्रीय राजमार्गों पर करीब 500 मीटर का विस्तार वाला क्षेत्र है, जहां तीन वर्ष के दौरान कम से कम पांच दुर्घटनाएं हुई हैं. इसके कारण करीब 10 लोगों की मौत हो चुकी है. उन्हें दुर्घटना की वजह बताया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही सड़कों के गड्ढों और खराब रखरखाव को लेकर इससे जुड़े अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा. उन्हें इसके लिए जवाबदेह बनाया जाएगा.
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि वे सड़क दुर्घटनाओं को काम करने को खास ध्यान दे रहे हैं. इससे दौरान सरकार सड़कों पर “ब्लैक स्पॉट” को हटाने को लेकर करीब 40 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है.