ट्रिपल तलाक़: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और 'सेक्युलर पार्टीज़' के विरोध से मजबूत होंगे बीजेपी के हाथ
कोर्ट धार्मिक और पारंपरिक मुद्दे में अपना मत नहीं देती है लेकिन जब कभी पुरुष, महिला, बच्चे और उनके बीच के संबंधों की बात होती है तो कोर्ट इन सभी मसलों पर निष्पक्ष राय रखता है।
नई दिल्ली:
ट्रिपल तलाक़ का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भुषण ने ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर क़ानून में बदलाव का समर्थन करते हुए कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और सेक्युलर पार्टीज़ कॉमन सिविल कोड का विरोध कर रही हैं। वो सभी बीजेपी पार्टी की तरह ही मुद्दे को लेकर राजनीत कर रहे हैं और इन सबसे बीजेपी के ही हाथ मजबूत होंगे।
आगे उन्होंने कहा कि कोर्ट धार्मिक और पारंपरिक मुद्दे में अपना मत नहीं देती है लेकिन जब कभी पुरुष, महिला, बच्चे और उनके बीच के संबंधों की बात होती है तो कोर्ट इन सभी मसलों पर निष्पक्ष राय रखता है।
Civil code does not regulate religious or customary practices,but only legal relationships between men,women,children&must be fair & liberal
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) October 14, 2016इससे पहले बीजेपी ने ट्रिपल तलाक़ के मुद्दे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि महिलाओं के उत्थान के लिए इस क़ानून में बदलाव ज़रूरी है इसलिए बीजेपी उन बदलाव का समर्थन करता है। लेकिन बीजेपी के इस बयान पर राजनीति शुरू हो गयी थी जो अब भी शांत होने का नाम नहीं ले रही।