कोलकाता हाईकोर्ट ने BJP की रथ यात्रा पर रोक लगाने के फैसले को किया खारिज, दिया ये आदेश
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा प्रस्तावित रथयात्रा पर रोक लगाने के आदेश को कलकत्ता हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने खारिज कर दिया है
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा प्रस्तावित रथयात्रा पर रोक लगाने के आदेश को कलकत्ता हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने खारिज कर दिया है. इसके साथ ही हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने शुक्रवार (7 दिसंबर) बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों को राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से 12 दिसंबर तक मुलाकात करने के निर्देश दिए हैं. इसके बाद अदालत इस मामले में 14 दिसंबर तक अंतिम फैसला लेगी.
बता दें कि इससे पहले गुरुवार को हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने बीजेपी को रथयात्रा निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था. कोर्ट ने पूछा था कि अगर राज्य में रथ यात्रा के दौरान कोई घटना घटती है तो कौन जिम्मेदार होगा, जिसपर बीजेपी ने कहा था कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है.
गौरतलब है कि बीजेपी की 7 दिसंबर से उत्तर में कूचबिहार से अभियान शुरू करने की योजना थी. इसके बाद 9 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिला और 14 दिसंबर को बीरभूमि जिले में तारापीठ मंदिर से भारतीय जनता पार्टी का रथ यात्रा शुरू करने का कार्यक्रम है.
और पढ़ें : सर्जिकल स्ट्राइक के प्रचार से नाराज हुए जनरल डीएस हुड्डा, कही ये बात
इधर, पश्चिम बंगाल में रथयात्रा की अनुमति न मिलने से नाराज बीजेपी अध्यक्ष ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा, ममता सरकार डर गई है. उन्होंने लोकतंत्र का गला घोंटा है. उनका रवैया गैर लोकतांत्रिक है. हमने रथयात्रा के लिए कई बार इजाजत मांगी थी, लेकिन इजाजत नहीं मिली. उन्हें रोहिंग्या शरणार्थी तो स्वीकार हैं पर बीजेपी का अध्यक्ष स्वीकार नहीं.उन्होंने कहा, बंगाल की जनता में जनजागृति आ रही है, लेकिन ममता सरकार को डर है कि हमारी रथयात्राएं निकलेंगी तो बंगाल के अंदर परिवर्तन की नींव पड़ जाएगी. इसलिए रथयात्राओं को रोकने का प्रयास किया गया है.