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Hamari Sansad Sammelan: मोदी सरकार 2022 तक किसानों से किया वादा पूरा करने की राह पर

उनके पास ग्रामीण विकास पेयजल और पंचायती राज जैसा अहम मंत्रालय भी है.

News Nation Bureau
| Edited By :
19 Jun 2019, 06:35:19 PM (IST)

नई दिल्ली:

बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर को भारत का नया कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री बनाया गया है. उनके पास ग्रामीण विकास पेयजल और पंचायती राज जैसा अहम मंत्रालय भी है. कृषि एवं गांव प्रधान देश में दो मंत्रालयों की जिम्मेदारी नरेंद्र सिंह तोमर के बढ़ते कद को भी बताती है. इसी क्रम में किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए सरकार पूरी ताकत से जुट गई है. केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर ने इस दिशा में किए प्रयासों की गहन समीक्षा की और संबंधित परियोजनाओं की रफ्तार को तेज करने का निर्देश दिया है.

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किसानों की आमदनी में वृद्धि के लिए मंत्रालय के वरिष्ठ अफसरों ने तोमर के समक्ष योजनाओं की सही तस्वीर रखी. नेशनल रेनफेड एरिया अथॉरिटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अशोक दलवई ने समीक्षा बैठक में वर्ष 2022 तक आमदनी दोगुनी करने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में किए गए कार्यो का ब्योरा पेश किया. दलवई ने परंपरागत फसलों की खेती के साथ अन्य संबंधित उद्यमों के विकास का विवरण पेश किया. उन्होंने बैठक में बताया खेती में उपज से लाभ को बढ़ाने के साथ-साथ संसाधनों का उचित प्रयोग कर लागत में कटौती जैसे उपाय किए जा रहे हैं. फसल चक्र को अपनाने के साथ खेती में विविधीकरण पर जोर दिया जा रहा है, जिसके तहत ऊंचे दाम वाले फसलों की खेती की जा रही है.

किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए गैर-कृषि कार्यो से किसानों को जोड़ने के बारे में तोमर ने विस्तार से जानकारी ली है. समीक्षा बैठक में उन्हें बताया गया कि इसके लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो योजना के विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रही है. खेती को जोखिम से बचाने के लिए फसल बीमा योजना, किसानों की उपज का उचित मूल्य दिलाना और किसानों तक खेती की उन्नत जानकारी पहुंचाने को प्रमुखता दी गई है. बैठक में अधिकारियों ने कृषि मंत्री को बताया कि कृषि कार्यो से 60 और गैर-कृषि कार्यो से 40 फीसद तक आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है. इसकी रणनीति तैयार कर किसानों तक पहुंचा दी गई है. उसके अमल के लिए राज्य सरकारों पर लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है. दूसरी योजना के तहत मांग आधारित खेती पर जोर दिया जा रहा है. बैठक में बताया गया कि उन्नत बीज, खाद, कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्व, जलवायु परिवर्तन के कुप्रभावों से बचाने के उपायों पर जोर दिया जा रहा है.