BJP बोली सब साथ आए तो बैलट पेपर से चुनाव कराने पर बन सकती है बात
शनिवार को बीजेपी महासचिव राम माधव ने इस बारे में जवाब देते हुए कहा कि अगर सब लोगों के बीच सहमति बनती हो तो वो भी तैयार हैं।
नई दिल्ली:
यूपी चुनाव के बाद कई दलों ने EVM मशीन में गड़बड़ी की शिकायत की है। 84वें महाधिवेशन में कांग्रेस ने EVM की बजाए बैलेट पेपर से चुनाव कराने का प्रस्ताव पेश किया।
विपक्ष के दबाव के बाद ऐसा लग रहा है कि अब बीजेपी में भी EVM मशीन से चुनाव कराए जाने की मांग को लेकर सहमति बन रही है। शनिवार को बीजेपी महासचिव राम माधव ने इस बारे में जवाब देते हुए कहा कि अगर सब लोगों के बीच सहमति बनती हो तो वो भी तैयार हैं।
राम माधव ने कहा, 'मैं कांग्रेस को याद दिलाना चाहूंगा कि बैलट पेपर की बजाय ईवीएम से चुनाव कराए जाने का फैसला बड़े स्तर पर सहमति बनने के बाद ही लिया गया था। अब आज यदि हर पार्टी यह सोचती है कि हमें बैलट पेपर पर लौट जाना चाहिए तो इस पर भी हम विचार कर सकते हैं।'
इससे पहले कांग्रेस ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के दुरुपयोग की शंका का हवाला देते हुए कहा कि निर्वाचन आयोग (ईसी) को बैलेट पेपर की पुरानी प्रथा को दोबारा से अमल में लाना चाहिए।
और पढ़ें- बिहार: भागलपुर में नववर्ष जुलूस के दौरान दो समुदायों में हिंसक झड़प, कई घायल
संकल्प में कहा गया, 'ईसी के पास मुक्त और पारदर्शी चुनाव को सुनिश्चित करने का संवैधानिक अधिकार है। जनता का चुनावी प्रक्रिया पर विश्वास बना रहे इसके लिए मतदान और मतगणना प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने की जरूरत है।'
पार्टी अधिवेशन के संकल्प में कहा गया, 'चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए निर्वाचन आयोग को बैलेट पेपर की पुरानी प्रथा को अमल में लाना चाहिए। ज्यादातर लोकतांत्रिक देशों ने इसे लागू किया हुआ है।'
बता दें कि गोरखपुर विधानसभा उपचुनाव मतगणना के दौरान भी मतगणना को लेकर सवाल उठने लगे थे। इससे पहले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गोरखपुर और फूलपुर में ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से उपचुनाव कराने को कहा था।
अखिलेश ने कहा कि निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव के प्रति जनता के मन में विश्वास होना चाहिए, लेकिन ईवीएम पर तमाम शंकाए हैं। इसलिए अब बैलेट पेपर से मतदान होना चाहिए।
और पढ़ें- पंजाब 'आप' की बैठक आज, विधायकों के शामिल होने पर सस्पेंस बरकरार
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'ईवीएम मशीनों से जनता का विश्वास टूटा है। चुनावों में कई जगह ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें आती रही हैं। मतदान में कुल मतदाता संख्या और पड़े हुए मतों में अंतर की भी शिकायतें मिलीं। यह स्थिति जनतंत्र के लिए खतरे का संकेत है। इसलिए अब बैलेट पेपर से चुनाव कराया जाना चाहिए।'
गुजरात विधानसभा चुनाव के समय भी कांग्रेस ने बैलेट से मतदान कराए जाने की मांग की थी। ज़ाहिर है पिछले कुछ समय से विपक्षी दल EVM में गड़बड़ी की शिकायत कर रहे हैं।
यूपी विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार बीएसपी चीफ मायावती ने बैलेट से चुनाव कराने की मांग की थी। बाद में कांग्रेस और एसपी ने भी उनकी मांग का समर्थन किया था।
और पढ़ें- तीसरे मोर्चे के लिए बैठकों का दौर शुरू, 19 मार्च को ममता-केसीआर की होगी मुलाक़ात