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बिहार में बाढ़ से हालात गंभीर होने के बाद नीतीश ने बुलाई इमरजेंसी बैठक, केंद्र सरकार से मांगी सेना की मदद

बिहार में लगातार भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हालात बेहद खराब हो गए हैं। बिहार के सीमांचल में महानंदा, ताप्ती और कोसी जैसी नदियां उफना गई हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

News Nation Bureau
| Edited By :
13 Aug 2017, 06:31:35 PM (IST)

highlights

  • बिहार में बाढ़ से हालात बेहद खराब, कई रेलवे स्टेशन पूरी तरह डूबे, रेल सेवा बंद
  • पूर्णिया में महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर

नई दिल्ली:

बिहार में लगातार भारी बारिश और बाढ़ की वजह से हालात बेहद खराब हो गए हैं। पड़ोसी देश नेपाल में तेज बारिश के बाद अब बिहार के सीमांचल में महानंदा, ताप्ती और कोसी जैसी नदियां उफना गई हैं और खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सीएम नीतीश कुमार ने बाढ़ से उपजे हालात की समीक्षा के लिए इमरजेंसी बैठक भी बुलाई है।

पूर्णिया जिले में महानंदा नदी ने खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया है। महनंदा नदी खतरे के निशान 35.65 मीटर से ऊपर 37.6 मीटर पर बह रही है जो एक बार फिर कोसी क्षेत्र में त्रासदी की दस्तक दे रही है।

किशनगंज और जोगबनी जैसे रेलवे स्टेशन बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं जिसकी वजह से ट्रेनों की आवाजाही भी पूरी तरह रोक दी गई है। सीमांचल इलाके में बाढ़ की भयानक स्थिति को देखते हुए राज्य के सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार से आर्मी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तुरंत वहां भेजने का आग्रह किया है।

बाढ़ को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'राज्य के अधिकारी लगातार बाढ़ की स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। नीतीश कुमार ने राज्य में बाढ़ की स्थिति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी अवगत करा दिया है।

बिहार के सीमांचल जिले में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति पर आपात बैठक करते हुए।https://t.co/WMb9lnFC7d pic.twitter.com/iaxY7AmMTg

— Nitish Kumar (@NitishKumar) August 13, 2017

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बिहार में बाढ़ की भयावहता को देखते हुए केंद्र सरकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत ऑपरेशन और बचावों के लिए अतिरिक्त एनडीआरएफ की टीमें भेज रही है।'

बिहार में बाढ़ की स्थिति क्यों ?

शुक्रवार को मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जारी करते हुए बिहार में भारी बारिश होने की आशंका जताई थी। असम, अरूणाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम, उत्तरी बंगाल और उत्तरी बिहार के क्षेत्रों में भारी बारिश की वजह से नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है।

वहीं दूसरी तरफ नेपाल में भी भारी बारिश हो रही है जिससे कोसी बराज में तय सीमा से ज्यादा पानी भर चुका है। अगर कोसी बराज से पानी छोड़ा जाता है तो साल 2008 की तरह बिहार के सीमांचल का पूरी तरह डूबना तय है।

बिहार और नेपाल में बाढ़ को नियंत्रित करने के लिए साल 1958-62 में भारत और नेपाल सरकार ने मिलकर सीमा पर कोसी बराज का निर्माण किया था।

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