भारतीय भूविज्ञान प्रोफेसर का स्वीडन में शोध परियोजना के लिए चयन
भारतीय भूविज्ञान प्रोफेसर का स्वीडन में शोध परियोजना के लिए चयन
नई दिल्ली:
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एक भूविज्ञानी का चयन स्वीडन में शोध परियोजना के लिए किया गया है। डॉ अमिय कुमार सामल नामक यह सहायक प्रोफेसर, बीएचयू के भूविज्ञान विभाग में कार्यरत हैं। उनको विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड द्वारा समर्थित एसईआरबी इंटरनेशनल रिसर्च एक्सपीरियंस (एसआईआरई) फेलोशिप के लिए चुना गया है। वह दो महीने के लिए भारत की ओर से बैडलीइट निष्कर्षण और डेटिंग की तकनीकों पर प्रोफेसर उल्फ सोडरलंड, लुंड विश्वविद्यालय, स्वीडन के साथ काम करेंगे।
प्रस्तावित शोध कई मैग्मैटिक घटनाओं की पहचान करने में मदद करेगा। यह भारत में नए धातुजन्य प्रांतों की पहचान पर मूल्यवान अंतर्²ष्टि भी प्रदान करेगा।
गौरतलब है कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय रिसर्च के लिए उद्योग व फंडिंग एजेंसियों के साथ नेटवकिर्ंग कर रहा है। इसके तहत बीएचयू ऐसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें प्रोत्साहित करेगा, जिनमें विश्वविद्यालय-उद्योग शोध सहयोग, परामर्श और आउटरीच की संभावना हो। उद्योग तथा फंडिंग एजेंसियों के साथ नेटवकिर्ंग के जरिए बीएचयू के फैकेल्टी मेंबर्स को वित्तीय सहायता के अवसरों के बारे में जानकारी प्रदान हो सकेगी।
इस पूरी परियोजना के लिए बीएचयू ने शोध सृजनात्मकता के लिए प्रायोजित शोध और औद्योगिक परामर्श प्रकोष्ठ की स्थापना की है। इस प्रकोष्ठ का उद्देश्य विश्वविद्यालय में रिसर्च को बढ़ावा देना है।
प्रकोष्ठ की अन्य महत्वपूर्ण जि़म्मेदारियों में विद्यार्थियों और शिक्षकों के बीच उद्यमिता को प्रोत्साहित करना और विभिन्न मंचों पर विश्वविद्यालय के शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना है। रिसर्च को बढ़ावा देने वाला यह प्रकोष्ठ परियोजना से संबंधित समझौतों को संसाधित व प्रबंधित भी करेगा।
प्रकोष्ठ के कार्यों में परियोजना स्टाफ पोस्ट-डॉक्टरल फेलो की नियुक्ति की प्रक्रिया संबंधी कार्य भी शामिल हैं। इसके साथ ही इसके अंतर्गत विद्यार्थियों के लिए शोध एवं विकास गतिविधियों, पुरस्कारों तथा फेलोशिप के अवसर सृजित करना, बौद्धिक सम्पदा परिसंपत्तियों (पेटेंट, डिजाइन आदि) के निर्माण और प्रबंधन की सुविधा प्रदान करना शामिल है।
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