जम्मू कश्मीर में मोबाइल और इंटरनेट क्यों बंद है, असदुद्दीन ओवैसी ने जानिए और क्या-क्या कहा
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद लोकसभा में बहस के दौरान मंगलवार को एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 370 को विशेष दर्जा कहा था. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में मोबाइल और इंटरनेट क्यों बंद हैं.
नई दिल्ली:
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद लोकसभा में बहस के दौरान मंगलवार को एआईएमआईएम असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 370 को विशेष दर्जा कहा था. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में मोबाइल और इंटरनेट क्यों बंद हैं. बोले, भाजपा सांसद इसे दिवाली बता रहे हैं, अगर सरकार इसे दिवाली बता रही है तो कश्मीरियों को घर से निकलकर जश्न क्यों नहीं मनाने दे रही है. क्यों लोगों को जेल में बंद रखा गया है, यह शर्मनाक है. ओवैसी ने कहा कि वे इस बिल के विरोध में खड़े हुए हैं. बोले, भाजपा लगातार अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस बात का उल्लेख करती रही है, लेकिन भाजपा अपने संवैधानिक कर्तव्यों पर खरी नहीं उतरी है.
लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह इतिहास की तीसरे बड़ी गलती है. भाजपा ने अपना चुनावी वादा जरूर पूरा किया है, लेकिन पार्टी ने अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी नहीं निभाई. ओवैसी ने कहा कि यह बिल अनुच्छेद 3 का उल्लंघन है और संघीय ढांचे पर कहीं न कहीं प्रहार है. ओवैसी ने कहा कि सरकार का कहना है कि यह अस्थाई प्रावधान है लेकिन कोर्ट इसे अस्थाई नहीं बल्कि विशेष दर्जा बता चुका है. सरकार बताए कि कब ओवैसी हिमाचल प्रदेश में जमीन खरीद सकेगा.
इससे पहले राज्यसभा से पास होने के बाद मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पेश किया गया. गृह मंत्री अमित
शाह ने बिल पेश किया, उसके बाद अधीर रंजन चौधरी के विवादास्पद बयान के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया. अधीर रंजन चौधरी ने
कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अंदरूनी मसला नहीं, यह तो यूनाइटेड नेशन में पेंडिंग है. इस पर भारी हंगामा हुआ. गृह मंत्री अमित
शाह ने चौधरी से बयान दोहराने को कहा. अधीर रंजन चौधरी के सेल्फ गोल वाले बयान से कांग्रेस के नेता झेंपते नजर आए.