समाजवादी दंगल 2017: सूत्रों के मुताबिक मुलायम सिंह यादव बेटे अखिलेश से अलग होकर लड़ सकते हैं चुनाव
सूत्रों के मुताबिक आजम खान की सारी कोशिशों के फेल होने के बाद मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव अलग चुनाव लड़ सकते
नई दिल्ली:
समाजवादी पार्टी में बाप-बेटे मुलायम और अखिलेश के बीच सत्ता और वर्चस्व की लड़ाई खत्म होती नहीं दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक पहलवानी कर चुके नेताजी यानि की मुलायम सिंह अब चुनाव में अपने बेटे के खिलाफ ही चुनावी दंगल में दो दो हाथ करते नजर आ सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक आजम खान की सारी कोशिशों के फेल होने के बाद मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव अलग चुनाव लड़ सकते हैं। मुलायम सिंह को पूरा यकीन है कि पहले की तरह ही यूपी की जनता उनमें ही अपना विश्वास दिखाएगी और उन्हें जिताएगी।
मुलायम सिंह यादव पार्टी के चुनाव चिन्ह साइकिल पर पहले ही चुनाव आयोग जाकर अपना दावा ठोक चुके हैं और उन्हें पूरा यकीन है कि साइकिल चिन्ह चुनाव उन्हीं को मिलेगा।
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दूसरी तरफ अखिलेश यादव भी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर राज्य में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक अब गठबंधन पर सिर्फ राहुल गांधी की मुहर लगनी बाकी है।
गौरतलब है कि साल 2012 में चुनाव जीतने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया रहे मुलायम सिंह यादव ने लाख विरोध के बावजूद अपने बेटे को यूपी की कमान दी थी और सीएम बनाया था।
बाप-बेटे के बीच सुलह की कोशिशें कई दिनों से चल रही थी लेकिन हर बार ये असफल हो जाता है। सुलह की कोशिशों के लिए राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को दिनभर मुलायम सिंह यादव के घर पर बैठक हुई लेकिन फिर भी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका।
सूत्रों के मुताबिक मुलायम गुट के लोग अगर पार्टी से अलग होकर चुनाव लड़ती है तो मुलायम सिंह और शिवपाल यादव अपने बेटे अखिलेश के खिलाफ चुनाव प्रचार में उतर सकते हैं। राजनीतिक तौर पर देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में 403 विधानसभा सीटों पर सात चरणों में 11 फरवरी से चुनाव शुरू होंगे।