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साढ़े पांच घंटे की पूछताछ के बाद ED दफ्तर से बाहर निकलीं ऐश्वर्या रॉय 

पनामा पेपर्स में भारत समेत 200 देशों के राजनेता, बिजनेसमैन, सिलेब्रिटी के नाम शामिल थे, जिनपर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे. इसमें 1977 से 2015 के अंत तक की जानकारी दी गई थी.

News Nation Bureau
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20 Dec 2021, 10:49:00 PM (IST)

नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ED) में  साढ़े पांच घंटे  की पूछताछ के बाद फिल्म अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन बाहर निकलीं. ईडी ने  पनामा पेपर्स (Panama Papers Leak) से जुड़े मामले में उनसे पूछताछ की. ईडी ने ऐश्वर्या राय बच्चन (Aishwarya Rai Bachchan) को समन किया गया था. जिसके बाद ऐश्वर्या ईडी के दिल्ली दफ्तर में पूछताछ में शामिल होने पहुंचीं थीं. ये पूछताछ अब खत्म हो चुकी है.  इस मामले में हाल ही में ईडी ने अभिषेक बच्चन को भी समन किया था. ऐश्वर्या राय बच्चन को दो बार पहले भी बुलाया गया था, लेकिन दोनों ही बार उन्होंने नोटिस को स्थगित करने की गुजारिश की थी. ये गुजारिश पनामा पेपर्स लीक की जांच कर रही स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम के समक्ष की गई थी.

ईडी ने ऐश्वर्या को फेमा के मामले में समन किया था. यह समन नवंबर में 9 तारीख को 'प्रतीक्षा' यानी बच्चन परिवार के आवास पर भेजा गया था. 15 दिन में इसका जवाब मांगा गया था. ऐश्वर्या ने ईमेल के जरिए ईडी को जवाब दिया. मामले की जांच कर रही SIT में ईडी, इनकम टैक्स और दूसरी एजेंसी शामिल हैं.

पनामा पेपर लीक मामले में एक कंपनी (Mossack Fonseca) के लीगल दस्तावेज लीक हुए थे. ये डेटा एक जर्मन न्यूजपेपर  ने पनामा पेपर्स नाम से 3 अप्रैल 2016 को रिलीज किया था. इसमें भारत समेत 200 देशों के राजनेता, बिजनेसमैन, सिलेब्रिटी के नाम शामिल थे, जिनपर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे. इसमें 1977 से 2015 के अंत तक की जानकारी दी गई थी.

इसमें  इस सूची में  देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वकील हरीश साल्वे, भगोड़े कारोबारी विजय माल्या, मोस्ट वान्टेड क्रिमिनिल इकबाल मिर्ची के साथ ऐश्वर्या राय बच्चन, अमिताभ बच्चन, अजय देवगन का भी नाम शामिल था. लिस्ट में 300 भारतीयों के नाम शामिल थे.

मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था. फिर केंद्र सरकार ने इस मामले में मल्टी एजेंसी ग्रुप (MAG) का गठन किया था. इनमें CBDT, RBI, ED और FIU को शामिल किया गया था. MAG सभी नामों की जांच करके रिपोर्ट काले धन के जांच के लिए बनी SIT और केंद्र सरकार को दे रही थी.