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राजस्थान में कांग्रेस ने निभाया वादा, गहलोत सरकार ने किसानों का कर्ज किया माफ

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के दो लाख रूपये तक कर्ज माफ़ करने का ऐलान किया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
20 Dec 2018, 06:28:28 AM (IST)

नई दिल्ली:

मध्यप्रदेश के बाद राजस्थान में सत्ता में आते ही किसानों की कर्ज माफ़ी की घोषणा की है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों के दो लाख रूपये तक कर्ज माफ़ करने का ऐलान किया है. इस कदम से राज्य सरकार के खजाने पर लगभग 18 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए गहलोत ने कहा, 'राजे सरकार ने दो हज़ार करोड़ तक का ही कर्ज माफ़ किया और आठ हज़ार करोड़ का कर्ज हम पर छोड़ दिया. कर्ज की गणना के लिए 31 नवंबर 2018 की समयसीमा तय की गई है.' 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्त विभाग के प्रमुख सचिव निरंजन आर्य सीएम के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव अभय कुमार और रजिस्ट्रार नीरज के पवन के साथ उच्चस्तरीय बैठक की बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए यह बड़ी घोषणा की. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि अभी मैंने तमाम अधिकारियों से बातचीत की वित्त व कॉपरेटिव अधिकारियों के साथ बातचीत की. राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने फैसला किया है कि हम सहकारी बैंकों के समस्त ऋण माफ करेंगे. साथ ही नेशनल ग्रामीण या अन्य बैंक में भी. गहलोत ने आगे कहा कि 30 नवंबर 2018 तक जो होंगे डिफाल्टर उन तमाम किसानों के दो लाख तक का कर्ज माफ़ होगा.

दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सरकार बनने पर दस दिन में किसानों का दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था. कमलनाथ ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेते ही चंद घंटों बाद किसानों के कर्ज माफ़ी का ऐलान किया था. 

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बता दें कि 17 दिसंबर को शपथ लेने के बाद कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ करने के आदेश जारी किया. किसानों के 2 लाख की सीमा तक का 31 मार्च, 2018 की स्थिति में बकाया फसल ऋण माफ करने का आदेश जारी कर दिया गया. राज्य शासन के इस निर्णय से लगभग 34 लाख किसान लाभान्वित होंगे. फसल ऋण माफी पर संभावित व्यय 35 से 38 हजार करोड़ रुपये अनुमानित है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कृषि ऋण माफी की योजना को तत्काल लागू करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति भी बनाई है. वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 16.50 लाख किसानों की ऋण माफी की घोषणा सोमवार देर रात की गई थी.

यह फैसला भूपेश मंत्रिमंडल ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद करीब दो घंटे में ही कर दिया. इस ऋण माफी में सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ ग्रामीण बैंक से ऋण लिए किसान शामिल हैं. इसमें करीब 61 सौ करोड़ रुपए के खर्च होने का अनुमान है.

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असम में भी कर्जमाफी का तोहफा 

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बाद असम में भी किसानों को कर्जमाफी का तोहफा मिला है. मंगलवार को असम सरकार ने 600 करोड़ रूपये के किसान कर्ज को हरी झंडी मिल गई थी. असम सरकार के प्रवक्ता और संसदीय मामलों के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा था कि योजना के तहत सरकार किसानों के 25 प्रतिशत तक कर्ज बट्टे खाते में डालेगी. इसकी अधिकतम सीमा 25,000 रुपये है. असम में कर्ज माफ़ी में सभी प्रकार के किसान शामिल है. गुजरात सरकार ने भी ग्रामीणों के बिजली माफ़ी का ऐलान किया था. विजय रुपानी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने 6 लाख उपभोक्ताओं का 625 करोड़ का बिजली बकाया बिजली माफ करने की घोषणा की थी.