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डिजिटल सुरक्षा कंपनी की रिपोर्ट का दावा, आधार के चलते लीक हुए एक अरब डेटा रिकॉर्ड

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आधार आंकड़ों से 'समझौते' की वजह से सेंधमारी का आंकड़ा ऊंचा रहा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
17 Oct 2018, 10:29:46 PM (IST)

नई दिल्ली:

भारत डेटा सेंधमारी मामलों में इस साल की पहली छमाही में अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर रहा है. नीदरलैंड्स की डिजिटल सुरक्षा कंपनी गेमाल्टो की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आधार आंकड़ों से 'समझौते' की वजह से सेंधमारी का आंकड़ा ऊंचा रहा है. एक दैनिक समाचार पत्र ने इसका खुलासा किया था. गेमाल्टो की सोमवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका अभी भी इस तरह के हमलों का सबसे बड़ा शिकार है. वैश्विक स्तर पर सेंधमारी के कुल मामलों में 57 प्रतिशत का शिकार अमेरिका रहा है. कुल रिकॉर्ड चोरी में 72 प्रतिशत अमेरिका में चोरी हुए हैं.

हालांकि, सेंधमारी के मामलों में इससे पिछली छमाही की तुलना में 17 प्रतिशत की कमी आई. सेंधमारी या रिकॉर्ड चोरी की बात की जाए तो वैश्विक स्तर पर हुए ऐसे मामलों में 37 प्रतिशत का शिकार भारत बना है.

ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018 की पहली छमाही में वैश्विक स्तर पर 945 सेंधमारी मामलों में 4.5 अरब डेटा चोरी हुए. वहीं भारत में आधार डेटा लीक के चलते एक अरब डेटा चोरी हुआ.

वर्ष 2018 की पहली छमाही में आधार सेंधमारी के मामलों में एक अरब रिकॉर्ड चोरी हुए. इनमें नाम, पता या अन्य व्यक्तिगत सूचनाएं शामिल हैं.

इस बारे में भारत विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) को भेजे ईमेल का जवाब नहीं मिला. रिपोर्ट में कहा गया है कि सोशल मीडिया मंच प्लेटफार्म पर दो अरब प्रयोगकर्ताओं के डेटा की सेंधमारी हुई.

यह वैश्विक स्तर पर इस तरह की सबसे बड़ी घटना है. इसके बाद आधार डेटा में सेंधमारी का स्थान आता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि एक गुमनाम सेवा किसी को भी 500 रुपये खर्च कर 1.2 अरब भारतीय नागरिकों की व्यक्तिगत सूचनाओं तक पहुंच उपलब्ध करा रही थी.

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हालांकि, यूआईडीएआई ने डेटा सेंधमारी की किसी घटना से इनकार किया था लेकिन साथ ही उसने इस बारे में खबर करने वाली पत्रकार रचना खैरा और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.