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Corona Virus तो खुराफाती निकला, महिलाओं पर है मेहरबान तो पुरुषों के लिए डैंजर

पूरी दुनिया के लिए बुरा सपना साबित हो रहा कोरोना वायरस तो बड़ा ही खुराफाती निकला. कोरोना वायरस महिलाओं पर मेहरबान साबित हो रहा है तो पुरुषों के खिलाफ यह 30 प्रतिशत से अधिक डैंजर है.

News Nation Bureau
| Edited By :
20 Dec 2020, 04:39:57 PM (IST)

नई दिल्ली:

पूरी दुनिया के लिए बुरा सपना साबित हो रहा कोरोना वायरस तो बड़ा ही खुराफाती निकला. कोरोना वायरस महिलाओं पर मेहरबान साबित हो रहा है तो पुरुषों के खिलाफ यह 30 प्रतिशत से अधिक डैंजर है. ‘क्लीनिकल इंफेक्शस डिजीजेस पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. पत्रिका में छपी रिपोर्ट कहती है कि कोरोना संक्रमण के कारण समान उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति वाली महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में जान का खतरा 30% अधिक होता है. 

शोध में कहा गया है कि Covid-19 से संक्रमित पुरुष मरीज यदि मधुमेह, उच्च रक्तचाप या मोटापे से ग्रस्त है तो उनकी जान जाने का खतरा अधिक होता है. शोध में अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल ऑफ मेडिसिन (यूएमएसओएम) के वैज्ञानिकों ने 613 अस्पतालों में भर्ती Covid-19 के करीब 67,000 मरीजों का अध्ययन किया, जिसमें कहा गया है कि पहले से ही मोटापे, उच्च रक्तचाप या मधुमेह जैसी समस्याओं से जूझ रहे Covid-19 से संक्रमित 20 से 39 वर्ष आयु वर्ग के रोगियों को अपने स्वस्थ साथियों की तुलना में जान का जोखिम ज्यादा था. अध्ययनकर्ता एंथनी डी हैरिस के अनुसार, इन सभी जानकारियों से संक्रमित रोगियों के उपचार में मदद मिल सकती है.

इससे पहले एक अन्‍य स्‍टडी में कहा गया था कि कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के ठीक होने के 3 माह तक बॉडी में वायरस एक्‍टिव रहता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के कुछ अंश 86 दिनों तक शरीर में मौजूद रह सकते हैं. शोध में कहा गया है कि विषाणु जनित रोग कोरोना बिना कोशिका का सूक्ष्मजीव है, जो नाभिकीय अम्ल और प्रोटीन से बना है. इसलिए कोरोना को किसी जीवित कोशिका की जरूरत होती है क्‍योंकि वह अपना जीवन चक्र खुद नहीं चला सकता. 

इसी कारण यह इंसानों को प्रभावित करता है. कोरोना वायरस हजारों साल तक वातावरण में मौजूद रह सकता है. कोरोना वायरस मानव कोशिका के जीन में बदलाव कर देता है, जिससे कोशिका इसका आदेश मानने लगती है.