जानिए किस तरह के बर्तन में खाने से शरीर पर पड़ता है सकारात्मक प्रभाव
रेस्टोरेंट में भी देखा गया है कि स्टील की थाली और कटोरी कम ही उपयोग में लाई जाती है. लेकिन यह सेहत के लिए कतई अच्छी नहीं है. बहुत कम लोग इस बात की जानकारी रखते हैं कि हर तरह के बर्तन के अपने ही गुण और अवगुण होते हैं.
highlights
- आज के समय में लोग ज्यादातर प्लास्टिक की डिजाइनर प्लेटों में खाते है
- रेस्टोरेंट में भी देखा गया है कि स्टील की थाली और कटोरी कम ही उपयोग में लाई जाती है
- तांबे के गिलास में पानी पीना बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है
नई दिल्ली:
भारत में हमेशा से ही जितना भोजन पर ध्यान दिया जाता है, उससे कहीं ज्यादा आप किस बर्तन में भोजन कर रहे हैं, इस पर ध्यान दिया जाता है. आज के समय में लोग ज्यादातर प्लास्टिक की डिजाइनर प्लेटों में ही भोजन करना पसंद करते हैं. यही नहीं, रेस्टोरेंट में भी देखा गया है कि स्टील की थाली और कटोरी कम ही उपयोग में लाई जाती है. लेकिन यह सेहत के लिए कतई अच्छी नहीं है. बहुत कम लोग इस बात की जानकारी रखते हैं कि हर तरह के बर्तन के अपने ही गुण और अवगुण होते हैं. शायद आपने सुना भी होगा कि तांबे के गिलास में पानी पीना बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है. लेकिन इनमें अगर प्लास्टिक के बर्तनों की बात करें, तो इनमें कोई गुण नहीं होता. बल्कि यह आपको हृदय रोग, डायबिटीज और कैंसर जैसी बीमारियों से संक्रमित कर सकती हैं. ऐसे में आपके लिए यह जानना बेहद जरूर है कि सेहतमंद रहने के लिए आपको किस चीज के बने हुए बर्तन में भोजन करना चाहिए.
सिरेमिक के बर्तन होते हैं केमिकल फ्री
आज के समय में सिरेमिक के बर्तन सबसे ज्यादा चलन में हैं. यह बर्तन चीनी मिट्टी के नाम से भी जाने जाते हैं. चीनी मिट्टी के बर्तनों को तैयार करने के लिए, मिट्टी को अधिक तापमान पर गर्म किया जाता है. बहुत से लोगों ने सिरेमिक के बर्तनों के अंदर भोजन पकाना भी शुरू कर दिया है. आप भी इन बर्तनों का उपयोग कर सकते हैं. यह आपके भोजन को लंबे समय तक स्वस्थ रखते हैं क्योंकि इनमें किसी तरह का कोई भी रसायन मौजूद नहीं होता.
चांदी के बर्तन में खाना खाने के फायदे
चांदी का उपयोग यूं तो लोग आमतौर पर गहनो के तौर पर करते हैं. लेकिन आयुर्वेद लंबे समय से चांदी के बर्तनों में भोजन करने की पैरवी करता आ रहा है. आयुर्वेद के मुताबिक चांदी के बर्तनों में ऐसे गुण होते हैं, जो आपको बदलते मौसम के साथ होने वाली बीमारियों से बचाता है. कुल मिलाकर अगर आप चांदी के बर्तन में भोजन करते हैं या पानी पीते हैं, तो यह आपको पूरी तरह स्वस्थ रखता है.
- चांदी के बर्तनों में अर्क होता है जो आपके मस्तिष्क की शक्ति में बढ़ोतरी करता है.
- इसके अलावा अगर नन्हे शिशुओं को चांदी के बर्तन में दूध पिलाया जाए तो अधिक स्वस्थ रहते हैं.
- चांदी के गिलास में पानी पीना भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. दरअसल चांदी के अंदर ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पानी के अंदर मौजूद किसी भी तरह की अशुद्धियों से लड़ने का कार्य करते हैं.
एनीमिया की शिकायत है तो स्टील के बर्तन हैं अच्छे
भारत के गरीब और मध्यवर्गीय घरों में सबसे ज्यादा स्टील के बर्तनों का ही उपयोग किया जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह बर्तन लंबे समय तक चलते हैं. जबकि बहुत कम लोग जानते हैं कि स्टील तेल और एसिड और ग्रीस पर रिएक्ट नहीं करता. यही नहीं स्टील के बर्तनों में आयरन मौजूद होता है जो आपके शरीर में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करने के लिए जाना जाता है. ऐसे में अगर किसी को एनीमिया की शिकायत है तो उसे स्टील की प्लेट में भोजन करने से लाभ हो सकता है. इसके अलावा स्टील के बर्तनों को रिसाइकिल करना भी बेहद आसान होता है. कुल मिलाकर स्टील एक टिकाऊ और स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद बर्तन है जिसका उपयोग भोजन करने के लिए किया जा सकता है.
याददाश्त तेज करता है सोने का बर्तन
सोने का उपयोग आज भारतीय महिलाएं गहनों के तौर पर ही करती हैं. लेकिन एक समय ऐसा भी था जब लोग सोने के बर्तनों में ही खाना खाया करते थे. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो आज भी सोने के बर्तनों में ही भोजन करना पसंद करते हैं. आपको बता दें कि सोने के बर्तन में भोजन करने से आपकी याददाश्त तेज होती है. ऐसे में सोने के बर्तन का उपयोग अल्जाइमर की बीमारी में भी फायदेमंद होता है. यही नहीं आयुर्वेद के अनुसार सोने के बर्तनों में भोजन करने से वात पित्त और कफ दोषों को भी संतुलित किया जा सकता है.
मेटाबॉलिज्म तेज करता है तांबे का बर्तन
तांबे के बर्तनों का उपयोग पहले के समय में बहुत अधिक किया जाता था. बताया जाता है कि तांबे का संबंध सूर्य और आग से होता है. तांबे की थाली में भोजन करने से अग्नि में वृद्धि होती है. जिसके कारण आपका मेटाबॉलिज्म तेज होता है इसके अलावा भी तांबे की थाली या बर्तन में भोजन करने के कई फायदे हैं जो कुछ इस प्रकार हैं.
तांबे के बर्तन में खाने के फायदे
- बॉडी को डिटॉक्सिफाई करने में
- हीमोग्लोबिन बढ़ाने में
- पाचन शक्ति बढ़ाने में
- हृदय रोग से बचाने में
- ब्लड प्रेशर को संतुलित करें
- स्किन को बेहतर करें और बढ़ती उम्र के असर को कम करें
- जोड़ों के दर्द और मस्कुलर दर्द से राहत
- वजन घटाने में
केले के पेड़ का पत्ता
दक्षिण भारत के अंदर किसी धातु या प्लास्टिक के बर्तन का उपयोग नहीं किया जाता. बल्कि वहां केले के पेड़ के पत्तों को ही थाली की तरह इस्तेमाल में लिया जाता है. यहां के लोगों का मानना है कि केले के पत्ते पर भोजन करने से भोजन का स्वाद बेहतर होता है और इससे भूख भी बढ़ती है. साथ ही केले के अंदर एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. साथ ही यह एक इको फ्रेंडली भी है.