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आयुर्वेद की 700 दवाओं के वैज्ञानिक ब्योरे एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे

आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय इसके फार्माकोपिया को ऑनलाइन करने जा रहा है. इससे 700 दवाओं के वैज्ञानिक ब्यौरे एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे.

IANS
| Edited By :
09 Dec 2018, 06:06:40 PM (IST)

नई दिल्ली:

आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए केंद्रीय आयुष मंत्रालय इसके फार्माकोपिया को ऑनलाइन करने जा रहा है. इससे 700 दवाओं के वैज्ञानिक ब्यौरे एक क्लिक पर उपलब्ध होंगे. इससे दवा निर्माताओं को आयुर्वेदिक दवाओं के पादपों, उनमें मौजूद विभिन्न तत्वों और उनके इस्तेमाल की मात्रा को लेकर वैज्ञानिक जानकारी हासिल होगी. आयुर्वेद फार्माकोपिया में अब तक मौजूद करीब सात सौ दवाओं के वैज्ञानिक ब्योरे को ऑनलाइन किया जाएगा.

फार्माकोपिया कमीशन फॉर इंडियन मेडिसिन एंड होम्योपैथी के निदेशक डा. के. सी. आर. रेड्डी ने बताया, 'अब तक आयुर्वेद की 400 एकल दवाओं तथा करीब 300 एक से ज्यादा मालीक्यूल वाली दवाओं का फार्माकोपिया तैयार किया जा चुका है. अभी तक यह सिर्फ दस्तावेज के रूप में उपलब्ध थी लेकिन अब इन्हें ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है. पहली बार आयुर्वेद दवाओं को लेकर ऑनलाइन प्रमाणिक जानकारी सरकार की तरफ से उपलब्ध कराई जा रही है.'

उन्होंने कहा, 'केंद्रीय आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक आगामी 13 दिसंबर को गाजियाबाद स्थित फार्माकोपिया कमीशन में आयोजित कार्यक्रम में इस सेवा की शुरुआत करेंगे. इसके बाद से यह ब्योरा ऑनलाइन उपलब्ध होगा. इससे आयुर्वेद की दवा बनाने वाली कंपनियों को सटीक वैज्ञानिक जानकारी मिल सकेगी और वह फार्माकोपिया की जानकारी के आधार पर अपनी दवाओं की गुणवत्ता में सुधार कर सकेंगे. इसके अलावा आयुर्वेद पर शोध करने वालों के लिए भी ऑनलाइन फार्माकोपिया फायदेमंद साबित होगा.'

उन्होंने कहा कि आयुर्वेद फार्माकोपिया बनाने का कार्य आगे भी जारी रहेगा. आयुर्वेद में औषधों की संख्या हजारों में हैं, इसलिए यह कार्य लंबा चलेगा. ज्यों-ज्यों नए औषधों का वैज्ञानिक रूप से प्रमाणीकरण होता जाएगा, उन्हें इस वेबसाइट पर अपडेट किया जाता रहेगा.

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रेड्डी ने बताया कि इस मौके पर आयुर्वेद दवाओं के मानकों को लेकर एक राष्ट्रीय स्तर के सिंपोजियम का भी आयोजन किया जा रहा है.केंद्रीय आयुष सचिव राजेश कोटचा इस सिंपोजियम का उद्घाटन करेंगे. इसमें आयुर्वेद शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों, दवा निर्माताओं को आमंत्रित किया गया है. इस सिंपोजियम का मकसद आयुर्वेद फार्माकोपिया के क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न पक्षों में जागरूकता पैदा करना है.