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बिना लक्षण दिखाए भी शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है कोरोना वायरस

दुनिया भर में कोरोना वायरस रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसके बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इससे संक्रमित काफी लोगों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
18 Jun 2020, 06:08:38 PM (IST)

नई दिल्ली:

दुनिया भर में कोरोना वायरस रुकने का नाम नहीं ले रहा है. इसके बारे में सबसे बुरी बात यह है कि इससे संक्रमित काफी लोगों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. इस वजह से न तो ये लोग टेस्ट कराते हैं, न डॉक्टर की सलाह लेते हैं और न ही खुद आइसोलेट या क्वारंटीन होते हैं. इसी वजह से इसका संक्रमण नियंत्रित नहीं हो रहा है, लेकिन ताजा शोध बताते हैं कि इस तरह एसिम्टोमैटिक मरीजों पर भी बीमारी का बुरा असर होता है.

WHO के मुताबिक एसिम्टोमैटिक मरीजों की संख्या 80 प्रतिशत तक हो सकती है. साथ ही यह भी माना जा रहा है कि जिन लोगों में संक्रमण के बाद भी लक्षण नहीं दिख रहा यह वायरस उनके शरीर को भी काफी नुकसान पहुंचा सकता है. मरीज को पता भी नहीं चलता कि उसे क्या हो रहा है. कई अध्यनों से पता चला कि एसिम्टोमैटिक मरीज भी कोरोना वायरस से परेशान होते हैं.

शोध में हुआ ये दावा

द जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित शोधपत्र के मुताबिक चीन के वुहान शहर के शोधकर्ताओं ने कोविड 19 के लक्षण दिखाई देने और दिखाई न देने वाले मरीजों का अध्ययन किया. इसमें पता चला कि एसिम्टोमैटिक मरीजों में लक्षण तो नहीं दिखे लेकिन टेस्टिंग में पता चला कि उनके शरीर को भी संक्रमण से काफी नुकसान हुआ है.

इम्यून सिस्टम भी हुआ कमजोर

शोधकर्ताओं ने पाया कि एसिम्टोमैटिक मरीजों में CD4+T लिम्फोसाइट की खपत कम हूई जिसका मतलब यह हुआ कि ऐसे मरीजों के इम्यून सिस्टम को कम नुकसान हुआ था. फिर भी इन्हें बीमारी के बारे में नहीं पता चला. उन्होंने खुद के लिए इलाज की मांग नहीं की और खुद को आइसोलेट नहीं किया. या फिर वे स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा भी नजरअंदाज किए गए होंगे.

मरीजों में दिखा ये अंतर

अध्ययन में यह भी पाया गया कि एसिम्टोमैटिक मरीजों के लीवर में घावों की मात्रा कम है और सीटी स्कैन में ज्यादा तेजी से उनके फेफड़ों में सुधार दिखा. जहां सार्स कोव-2 वायरस ऐसे मरीजों के फेफड़ों में कुछ हद तक बढ़ता दिखा तो फेफड़े भी इससे सफलता पूर्वक जूझते रहे. इन मरीजों में खांसी और सांस लेने में समस्या नहीं दिखी. CT-स्कैन में देखा गया कि वायरस की संख्या बढ़ी है.