कोरोना वायरस के बाद अब बर्ड फ्लू के स्ट्रेन में भी बदलाव, पहले से हुआ कई गुना घातक
कोरोना वायरस अभी खत्म भी नहीं हुआ कि भारत के सात राज्यों में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी. ये सात राज्य हैं- राजस्थान, केरल, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और झारखंड, गुजरात.
नई दिल्ली:
कोरोना वायरस अभी खत्म भी नहीं हुआ कि भारत के सात राज्यों में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी. ये सात राज्य हैं- राजस्थान, केरल, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और झारखंड, गुजरात. इन राज्यों की सरकारों ने मरे हुए कौवों में घातक वायरस पाए जाने के बाद अलर्ट भी जारी कर दिया है. केरल के कुछ हिस्सों में प्रशासन ने बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने तक का आदेश दिया है. केरल में तो इसे राजकीय आपदा घोषित करने की मांग उठ रही है. उधर, खबर है कि कोरोना वायरस की तरह बर्ड फ्लू के स्ट्रेन में भी बदलाव आया है और यह पहले से कई गुना अधिक घातक हो गया है.
ICAR के वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है कि इस बार बर्ड फ्लू के स्ट्रेन में भी बदलाव आया है. दरअसल, एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से जाना जाने वाला इस वायरस का स्ट्रेन पहले एच5एन1 था. इस बार स्ट्रेन एच5एन8 है. वैज्ञानिकों का कहना है कि बर्ड फ्लू का यह नया स्ट्रेन जानवरों और पक्षियों के लिए बहुत ही खतरनाक है. हालांकि इंसानों पर इसका असर उतना खतरनाक नहीं है.
मध्यप्रदेश के इंदौर, मंदसौर, आगर, खरगोन, उज्जैन, देवास, नीमच और सीहोर में अब तक सैकड़ों कौवे मृत पाए गए हैं. इंदौर और मंदसौर में कौओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. खंडवा में 70 से अधिक बगुले मृत पाए गए.
इस बार बर्ड फ्लू का सबसे पहला मामला 28 दिसंबर को राजस्थान में आया था. इसके बाद केरल और मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू वायरस के मामले सामने आने लगे. अब तो हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और झारखंड में भी बर्ड फ्लू का कहर बरपने लगा है. भोपाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की हाईसिक्योरिटी एनिमल डिसिस लेबोरेटरी में पांच वैज्ञानिकों की एक स्पेशल टीम लगातार 24 घंटे काम कर रही है.
बर्ड फ्लू के मामलों की जांच करने के लिए पूरे देश में केवल एक ही लैब है. इसका नाम भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की हाईसिक्योरिटी एनिमल डिसिस लेबोरेटरी है और यह भोपाल के आनंद नगर में स्थित है. देशभर से सभी सैंपल अभी जांच के लिए भोपाल ही भेजे जा रहे हैं.