.

भक्तों ने डूबकर की श्रीकृष्ण की पूजा, न्यूज़ नेशन की पड़ताल में सामने आया सच

सोशल मीडिया पर 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वडियो में लोग कमर तक पानी डूबे हैं. सामने की तरफ भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा विराजमान हैं, वीडियो में दिखाई दे रहे लोग पूरी तरह भगवान के भजन-कीर्तन में लीन हैं.

Vinod Kumar | Edited By :
27 Nov 2021, 07:15:48 PM (IST)

highlights

  • सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो 
  • वीडियो में कमर तक पानी डूबे लोग दिख रहे है
  • दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो आंध्रप्रदेश के तिरुपति का है

 

नई दिल्ली :

सोशल मीडिया पर 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है. इस वडियो में लोग कमर तक पानी डूबे हैं. सामने की तरफ भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा विराजमान हैं, वीडियो में दिखाई दे रहे लोग पूरी तरह भगवान के भजन-कीर्तन में लीन हैं. दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो आंध्रप्रदेश के तिरुपति का है. जहां इस्कॉन टेंपल में पानी भर गया. लेकिन लोगों ने पानी खड़े होकर श्रीकृष्ण की आरती की. वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा- "मेरा मानना है कि ये इस्कॉन मंदिर है. हाल ही में आई बाढ़ के दौरान तिरुपति में मंदिर है.

पड़ताल
चूंकि वीडियो तिरुपति के इस्कॉन मंदिर का बताया जा रहा है. पड़ताल में हमने यू-ट्यूब से तिरुपति इस्कॉन मंदिर का वीडियो निकाला और उसे वायरल हो रहे वीडियो के साथ मैच किया तो दोनों वीडियो में कई अंतर दिखाई दिए. वीडियो में ठीक 2 मिनट बाद जो पिलर दिखाई दे रहे हैं, वो पतले हैं, जबकि हकीकत में तिरुपति इस्कॉन टेंपल के पिलर काफी मोटे हैं. वायरल वीडियो में गोपिकाएं सामने की तरफ देख रही हैं. जबकि पड़ताल में मिले वीडियो में गोपिकाएं श्रीकृष्ण की तरफ देख रही हैं. इसके अलावा वायरल वीडियो और लाईब्रेरी से निकाले गए वीडियो में मूर्तियों का जो फ्रेम है वो अलग-अलग हैं. जिससे साबित होता है कि दोनो अलग-अलग जगह के हैं.

पड़ताल की अगली कड़ी में हमनें InVID टूल की मदद से वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स निकाले, फिर उन्हें गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया. तो इस्कॉन न्यूज़ वेबसाइट पर एक रिपोर्ट मिली. जिसके मुताबिक वायरल हो रहा वीडियो कोलकाता के मायापुर इस्कॉन टेंपल का है. जहां अगस्त 2015 में भारी बारिश के बाद मंदिर के पानी भर गया था. बावजूद इसके श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन बंद नहीं किया था. इस तरह हमारी पड़ताल में वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ है. ये वीडियो 6 साल पुराना यानि 2015 में कोलकाता का है. ना कि इस साल तिरुपति का.