.

Fact Check: भूमिपूजन का दावा करने वाली राजीव गांधी की तस्वीर का सच क्या है? देखें तस्वीर

सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि 9 नवंबर 1989 को भी भूमिपूजान हो चुका हैं और उस दौरान तिथि और समय का ख्यााल रखा गया था

News Nation Bureau
| Edited By :
29 Jul 2020, 09:06:37 PM (IST)

नई दिल्ली:

अयोध्या मंदिर निर्माण के लिए 5 अगस्त को भूमिपूजन होने वाला है. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की खबर हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि 9 नवंबर 1989 को भी भूमिपूजान हो चुका हैं और उस दौरान तिथि और समय का ख्यााल रखा गया था. दरअसल सोशल मीडिया पर कुछ संतों के साथ पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तस्वीर वायरल हो रही है. इस तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा है, 'ये तस्वीरें हैं उस भूमिपूजन की जो 9 नवम्बर 1989 को हो चुका है. यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को, जिसे हम देवउठनी एकादशी कहते हैं. कांग्रेस की सरकार ने भी उस समय तिथि का खयाल रखा था.
तब के पण्डे आज की तरह ढोंगी नहीं थे. उन्हें सब बातों का खयाल था.माफ कीजिये सरकार, आप सिर्फ हिन्दुत्व का ढोंग करते हैं, सनातन वैदिक धर्म व उसकी परम्परा का चुटकी भर ज्ञान नहीं आपको'.
'

क्या है इस तस्वीर की सच्चाई?

इस तस्वीर की सच्चाई जानने के लिए हमने रिवर्स सर्च इमेज किया तो हमें ये तस्वीर विकीपीडिया पर मिली. इस तस्वीर के डिस्क्रीप्शन में लिखा है हरे कृष्णा के श्रद्धालुओं से मिलते राजीव गांधी. इसी के साथ ये भी लिखा है कि राजीव गांधी ने हरे कृष्णा सदस्यों से रूसी भाषा में लिखी भगवद्गीता की प्रीति भी ली.

ऐसे में ये साफ है कि सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा गलत है और ये तस्वीर भूमिपूजन की नहीं है.