Fact Check: तालिबान की वापसी के बाद महिलाओं की लगने लगी बोली, जानें सच
इस वीडियो को अफगानिस्तान का बताया जा रहा है. वीडियो में, बुर्का पहनी महिलाएं गली में बैठी दिखाई दे रही हैं जबकि पुरुष लोगों को उनकी खरीदारी के लिए बोली लगा रहे हैं. इस वीडियो का सच कुछ और ही है.
नई दिल्ली :
तालिबान ने अफगानिस्तान में फिर से अपना वर्चस्व कायम कर लिया है. जब से उसने अफगानिस्तान में कब्जा जमाया है तब से सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं फैलाई जा रही है. तालिबान खूंखार है इसमें कोई दो राय नहीं है. लेकिन कई पुराने वीडियो और तस्वीर पोस्ट करके अफवाहों का बाजार और गर्म किया जा रहा है. ऐसा ही एक वीडियो फिर से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें महिलाओं की नीलामी होती हुई दिखाई दे रही है. इस वीडियो को अफगानिस्तान का बताया जा रहा है. वीडियो में, बुर्का पहनी महिलाएं गली में बैठी दिखाई दे रही हैं जबकि पुरुष लोगों को उनकी खरीदारी के लिए बोली लगा रहे हैं.
इस वीडियो को एक ट्विटर यूजर ने साझा करके लिखा कि वक्त-वक्त की बात है, इन अफगानियों ने दो दीनार के बदले हमारी बेटियों की नीलामी की. अब उनकी खुद की बेटियों को बोली लगाई जा रही है.
इस वीडियो की जब पड़ताल की गई तो सच्चाई कुछ और ही निकला. यह वीडियो अफगानिस्तान से ताल्लुक नहीं रखता है. इतना ही नहीं यह वीडियो हाल की भी नहीं है. बल्कि यह वीडियो लंदन की है. जहां एक नुक्कड़ नाटक हो रहा है. यह नुक्कड़ नाटक 2014 में इराक और सीरिया में इस्लामिक स्टेट के अपराधों से लोगों को जागरुक करने के लिए खेला गया था.
इस नुक्कड़ नाटक का आयोजन कुर्दिश अप्रवासियों ने किया था. सोशल मीडिया पर वायरल यह वीडियो अफगानिस्तान का नहीं है. दावा फर्जी निकला.
इतना ही नहीं सोशल मीडिया पर एक तस्वीर भी वायरल हो रही है. इस तस्वीर को 1970 के दशक का अफगानिस्तान बताया जा रहा है. जिसमें महिलाएं शॉर्ट स्कर्ट पहने हुए पढ़ाई कर रही है. ये कहना गलत नहीं होगा कि 1970 में अफगानिस्तान सुंदर हुआ करता था. लेकिन यह तस्वीर वहां की नहीं है. बल्कि फोटो में नजर आनेवाली लड़कियां 1971 में तेहरान की छात्रा हैं.
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबानी राज आ चुका है. जिसकी वजह से वहां के लोग डरे सहमे है. खास कर महिलाए. क्योंकि तालिबानियों का कहर सबसे ज्यादा जो झेलती है वो महिलाएं हैं.