लिंग भेद के खिलाफ प्रियंका चोपड़ा ने उठाई आवाज़, कहा- न करें बेटा-बेटी में फर्क
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा है कि बच्चों में समानता की भावना पैदा करने के लिए जरूरी हो जाता है कि माता-पिता लिंग के आधार पर अपने बच्चों के बीच भेदभाव न करें।
नई दिल्ली:
अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने कहा है कि बच्चों में समानता की भावना पैदा करने के लिए जरूरी हो जाता है कि माता-पिता लिंग के आधार पर अपने बच्चों के बीच भेदभाव न करें।
यूनिसेफ की ग्लोबल गुडविल अम्बेसडर प्रियंका का यह भी कहना है कि परिवर्तन केवल तभी दिखाई देगा जब समाज लड़कों को लड़कियों का सम्मान करना सिखाएंगे।
उन्होंने ये भी कहा, 'मैं माता-पिता से अनुरोध करती हूं कि वो लिंग के आधार और अपने बच्चों के बीच भेद न करें। लड़के जब सड़क पर चलते हुए लड़कियों पर तंज कसते है तो इसे सामान्य समझा जाता है क्योंकि हमारे समाज में लड़की को परेशान करना लड़कों के लिए सामान्य सी बात मान ली जाती है । लेकिन हमें लड़कों को यह सीखाने की जरूरत है की असली पुरुष वहीं होता है जो महिलाओं का सम्मान करता है।'
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यूनिसेफ द्वारा आयोजित इस चर्चा में प्रियंका ने बताया कि युवा लड़के और लड़कियों को सशक्त बनाने की जरूरत हैं।
35 वर्षीय प्रियंका ने यह भी कहा है कि वह महिलाओं के उस विचार से सहमत है कि वो अपनी पसंद से गृहणी बनना चाहती हैं। लेकिन जब वो इसे पसंद नहीं करती तो इसका मतलब यह नहीं कि फिर उनके सपनों को पूरा करने से रोका जाए।
उन्होंने यह भी कहा, 'अगर मेरे पास एक जादू की छड़ी होती तो मैं मिनटों में चीज़ों को बदल देती। गृहस्थी बनाने में कुछ भी गलत नहीं लेकिन समस्या मानसिकता का है। जैसे लोग कहते हैं कि उनका शादी करना इसलिए जरूरी है क्योंकि कोई घर में उनकी मां की मदद कर सकें। मैं ये नहीं समझ पाती कि लोग पत्नी चाहते हैं या नौकर। लड़कियों को अपने सपनों को पूरा करने से नहीं रोका जाना चाहिए।'
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