अनुराग कश्यप ने PM Modi को लेकर किया ट्वीट, कहा- पहले आप तो...
'परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha 2020) में हजारों की तादाद में इकट्ठा हुए छात्रों, शिक्षको और अभिभावकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सफलता के कई सफल मंत्र दिए
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार को 'परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha 2020) कार्यक्रम में शिरकत की और बच्चों का तनाव दूर करने की कोशिश की. 'परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha 2020) में हजारों की तादाद में इकट्ठा हुए छात्रों, शिक्षको और अभिभावकों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सफलता के कई सफल मंत्र दिए.
अब बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर ट्वीट किया है. अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) ने अपने ट्वीट में लिखा, 'बिल्कुल, कभी भी दबाव न बनाएं और उन पर किसी चीज का बोझ भी न डालें. @narendramodi जो आप कह रहे हैं पहले अपनी सरकार और पुलिस से उस पर अमल करने के लिए कहें. उदाहरण द्वारा इसका नेतृत्व करें, बातों से नहीं. धन्यवाद.'
दरअसल,पीएम नरेंद्र मोदी ने 'परीक्षा पे चर्चा' (Pariksha Pe Charcha) के दौरान डिप्रेशन को लेकर कहा कि कभी भी माता-पिता को अपने बच्चों पर दबाव नहीं बनाना चाहिए. अनुराग कश्यप (Anurag Kashyap) के इस ट्वीट पर लोगों के खूब रिएक्शन आ रहे हैं.
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भाषण की शुरुआत में सबसे पहले बच्चों को नए साल की शुभकामनाएं दी और नए साल को नए दशक की शुरुआत बताया. छात्रों के अलावा शिक्षक और अभिभावक भी कार्यक्रम का हिस्सा बने. 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम में करीब 2,000 छात्रों ने भाग लिया, जिनमें से 1050 छात्रों का चयन निबंध प्रतियोगिता के जरिए हुआ था. पीएम मोदी ने सोमवार को छात्रों के साथ परीक्षा पर चर्चा शुरु करते हुए कहा कि छात्रों के साथ वह बिना किसी ‘फिल्टर’ के खुलकर बातचीत करेंगे.
यह भी पढ़ें: Good Newwz Box Office Collection Day 24: 200 करोड़ के क्लब में शामिल हुई अक्षय-करीना की 'गुड न्यूज'
प्रधानमंत्री ने परीक्षा के कारण मन व्यथित होने से जुड़े एक छात्र के सवाल के जवाब में कहा, 'छात्रों को विफलता से नहीं डरना चाहिए और नाकामी को जीवन का हिस्सा मानना चाहिए. पीएम नरेंद्र मोदी ने छात्रों को चंद्रयान मिशन की घटना का जिक्र करते हुये छात्रों को बताया कि उनके कुछ सहयोगियों ने चंद्रयान मिशन की लैंडिंग के मौके पर नहीं जाने की सलाह दी थी, क्योंकि इस अभियान की सफलता की कोई गारंटी नहीं थी. मोदी ने कहा कि इसके बावजूद वह इसरो के मुख्यालय गए और वैज्ञानिकों के बीच में रहकर उनका भरपूर उत्साहवर्धन किया.