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56 के हुए मिस्टर परफेक्शनिस्ट, जन्मदिन पर पढ़ें आमिर खान के कुछ अनसुने किस्से

फिल्म 'कयामत से कयामत तक' से आमिर ने बतौर हीरो फिल्मों में एंट्री की. इस फिल्म में आमिर के रोल को काफी सराहा गया. इस फिल्म में आमिर के साथ जूही चावला दिखाई दी थीं. इसके बाद उन्होंने अपने करियर में कभी मुड़कर नहीं देखा.

News Nation Bureau
| Edited By :
14 Mar 2021, 01:33:56 PM (IST)

highlights

  • बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर हैं
  • पिता नहीं चाहते थे एक्टर बनें आमिर खान
  • फिल्मों में बतौर चाइल्ड एक्टर के शुरुआत की थी

नई दिल्ली:

बॉलीवुड में मिस्टर परफेक्शनिस्ट (Mr perfectionist) के नाम से मशहूर आमिर खान (Aamir Khan) आज अपना 54वां जन्मदिन सेलीब्रेट कर रहे हैं. साढ़े तीन दशकों से बॉलीवुड पर राज करने वाले आमिर आज इंडस्ट्री में अपनी अलग जगह बना चुके हैं. अपनी अलग अदाकारी की वजह से आमिर दर्शकों के दिलों पर राज करते हैं. आमिर खान का जन्म 14 मार्च 1965 को हुआ था. अपने हर किरदार को निभाने के लिए वे इतनी मेहनत करते हैं, कि उन्हें इंडस्ट्री में मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से नवाजा गया है. उनकी फिल्मों के साथ ही साथ उनकी फिल्मों के डायलॉग्स भी सुपरहिट होते हैं. उनके जन्मदिन के खास मौके पर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़ी अनसुनी बातें बताने जा रहे हैं. 

आमिर उन अभिनेताओं में शुमार होते हैं, जो लीग से हटकर फिल्में बनाते हैं. आज आमिर खान करोड़ों लोगों की प्रेरणा हैं और दुनियाभर के लोगों को आमिर की फिल्मों का इंतजार रहता है. भारतीय फैन्स भी हमेशा इसी इंतजार में रहते हैं कि कब आमिर खान की फिल्म रिलीज होगी. इतना नेम-फेम मिलने के बाद भी आमिर की जिंदगी में एक वक्त ऐसा भी था जब वो काफी परेशान थे. इतना ही नहीं वो घर आकर रोया करते थे और इस बात का खुलासा खुद अभिनेता ने किया था.

पिता नहीं चाहते थे एक्टर बनें आमिर 

आमिर के पिता ताहिर हुसैन फिल्म प्रोड्यूसर थे. मगर उनके निर्माण में बनी कुछ फिल्में अच्छा कलेक्शन नहीं कर पाईं इसलिए वे कतई नहीं चाहते थे कि आमिर फिल्मों में आएं. उनके घरवालों की इच्छा थी कि आमिर खूब पढ़ाई करें और इंजीनियर या डॉक्टर बनें. लेकिन आमिर को फिल्मों में ही काम करने में दिलचस्पी थी, और वे इसी इंडस्ट्री में अपना मुकाम हासिल करना चाहते थे. आमिर ने बतौर चाइल्ट एक्टर साल 1973 में आई फिल्म 'यादों की बारात' से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. इस फिल्म में उन्होंने एक बच्चे का रोल निभाया. 

फिल्मों में निर्देशन भी किया

आमिर खान ने चाइल्ड एक्टर के तौर पर भले ही बॉलीवुड में एंट्री की हो, लेकिन उन्होंने कई सालों तक असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम किया. साल 1984 में आमिर खान फिल्म 'मंजिल मंजिल' से एक असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर काम शुरू किया. बहुत कम लोग जानते होंगे कि ये वही साल था जिसे आमिर खान के करियर का एक्टिंग डेब्यू माना जाता है. फिल्म 'होली' से उन्होंने मेच्योर्ड एक्टर के तौर पर अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की. फिल्म 'होली' में उन्होंने नसीरुद्दीन शाह, परेश रावल और दीप्ति नवल के साथ काम किया. इस फिल्म में आमिर को काफी कुछ सीखने को मिला. 

'कयामत से कयामत तक' से फेमस हुए

फिल्म 'कयामत से कयामत तक' से आमिर ने बतौर हीरो फिल्मों में एंट्री की. इस फिल्म में आमिर के रोल को काफी सराहा गया. इस फिल्म में आमिर के साथ जूही चावला दिखाई दी थीं. इसके बाद उन्होंने अपने करियर में कभी मुड़कर नहीं देखा. इसके बाद वे राख, दिल, दिल है की मानता नहीं, जो जीता वही सिकंदर, हम हैं राही प्यार के, अंदाज अपना अपना, बाजी, रंगीला, राजा हिंदुस्तानी, इश्क, अर्थ, सरफरोश, मन जैसी सुपरहिट फिल्मों में नजर आए.

उतार-चढ़ाव का भी देखा दौर

मिस्टर परफेक्शनिस्ट के जीवन में भी एक वक्त ऐसा आया था जब लगातार उनकी कई फिल्में फ्लॉप हो गई थीं. एक बार आमिर ने खुद बताया था कि उस दौर में मेरा करियर डूब रहा था और ऐसा लगा जैसे मैं किसी जल्दी में हूं. मैं बहुत दुखी था और घर आकर रोया करता था. उन्होंने कहा था कि उस वक्त मैं जिन लोगों के साथ काम करना चाहता था, वो दिलचस्पी नहीं ले रहे थे और मैंने महसूस किया कि मैंने जो फिल्में की है या उस दौर में कर रहे थे, वे अच्छी नहीं थीं. फिर मैंने सोचा कि अब मैं तब तक किसी फिल्म को साइन नहीं करूंगा, जब तक मुझे एक अच्छा निर्देशक, अच्छी स्क्रिप्ट और एक अच्छा निर्माता नहीं मिलेगा.