जानें क्या है Manifesto, पहली बार कब, कहां और कैसे जारी हुआ घोषणापत्र
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस ने अपने इस घोषणा पत्र का नाम 'जनआवाज' दिया है.
नई दिल्ली:
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस ने अपने इस घोषणा पत्र का नाम 'हम निभाएंगे' दिया है. बीजेपी ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. लेकिन क्या आपको मालूम है कि घोषणापत्र यानी Manifesto शब्द की उत्पत्ति कैसे हुई.
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Manifesto इटली का शब्द है जो लैटिन के manifestum शब्द से निकला है. 'मैनीफेस्टो' शब्द का पहली बार प्रयोग अंग्रेजी में 1620 में मिलता है. 'हिस्ट्री ऑफ द कौंसिल आफ ट्रेंट' नामक पुस्तक में इसका जिक्र आता है. इस पुस्तक के लेखक पावलो सार्पी थे.
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आधुनिक भारत का पहला घोषणापत्र राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 1907 में छपी पुस्तक 'हिन्द स्वराज' को माना जाता है. 'मैनीफेस्टो' शब्द का अर्थ दरअसल 'जनता के सिद्धान्त और इरादे' से जुड़ा है पर लोकतांत्रिक समाज में यह राजनीतिक दलों से जुड़ गया है. विश्व प्रसिद्ध चिंतक कार्ल मार्क्स की तथा फ्रेड्रिक एंजिल्स की 1848 में छपी चर्चित पुस्तक 'द कम्युनिस्ट मैनीफेस्टो' से पहले भी इस तरह का मैनीफेस्टो निकल चुका था पर वह किसी राजनीतिक पार्टी का घोषणा-पत्र नहीं था. मार्क्स ने अपने घोषणा-पत्र में दुनिया को बदलने का सपना देखा था. लैटिन अमेरिका के क्रांतिकारी साइमन वोलीवर ने 1812 में ही 'कार्टेगेना मैनीफेस्टो' लिखा था.
कुछ महत्वपूर्ण घोषणा पत्र
- 1955 में रूस में हुई क्रांति को रोकने के लिये उस वर्ष 'अक्तूबर मैनीफेस्टो' भी छपा था. 1919 में फासिस्टों का भी एक घोषणा-पत्र निकला था.
- 1926 में नरभक्षियों का भी एक घोषणा-पत्र जारी हुआ था.
- 1934 में एडविन लेविस ने इसाइयों का घोषणापत्र निकाला.
- 1949 में लियाकत अली खां की पुस्तक 'द आब्जेक्टिव रेजोल्यूशन आफ पाकिस्तान' को भी पाकिस्तान का राजनीतिक घोषणा-पत्र माना जाता है.
- 1955 में बट्रेंड रसेल और आइन्सटीन के घोषणा-पत्र को परमाणु हथियार और युद्ध के विरुद्ध घोषणापत्र माना जाता है.
- 1958 में पूंजी के लोकतांत्रिकरण के पक्ष में 'कैपटलिस्ट मैनीफेस्टो' निकला.