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पश्चिम बंगाल हिंसा : BJP नेता मुकुल राय की गाड़ी में उपद्रवियों ने की तोड़फोड़, लगाए TMC के नारे

तृणमूल का आरोप है कि बीजेपी नेता वहां रुपये बांटने के लिए पहुंचे थे. रात 12:00 बजे के बाद भारी संख्या में पुलिस व केंद्रीय बल मौके पर पहुंचने के बाद तोड़फोड़ करने वालों को हिरासत में लेकर साथ ले गए.

News Nation Bureau
| Edited By :
17 May 2019, 08:48:17 AM (IST)

highlights

  • सातवें चरण की वोटिंग से पहले पश्चिम बंगाल में जारी है हिंसा
  • अब बीजेपी नेता मुकल राय की कार में तोड़-फोड़
  • बीजेपी ने लगाए टीएमसी नेताओं पर आरोप

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें और अंतिम चरण से पहले चुनावी हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है गुरुवार की रात दमदम लोकसभा क्षेत्र के नागर बाजार में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल राय की गाड़ी पर हमला हुआ. मुकुल राय भाजपा नेताओँ के साथ देर रात लगभग 11:15 मिनट पर आ रहे थे कि तभी कुछ लोगों ने गाड़ी पर हमला बोल दिया. इस हमले का आरोप तृणमूल कांग्रेस समर्थकों पर लगा है. हमले के बाद लगभग अगले एक घंटे तक बीजेपी के नेताओं को एक मकान में बंद करके रखा गया है

बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दमदम में जनसभा को संबोधित करने के बाद बीजेपी नेता मुकुल राय अपने किसी परिचित के यहां एक जन्मदिन समारोह में हिस्सा लेने चले गए थे कि तभी अचानक सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए और मुकुल राय की गाड़ी में तोड़-फोड़ करने लगे. इन सभी तोड़फोड़ करने वाले लोगों को तृणमूल समर्थक बताया जा रहा है. इस जगह से थोड़ी ही दूरी पर पुलिस चौकी भी है लेकिन वहां दो ही पुलिसकर्मी दिखाई दिए.

         

वहीं तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इस घटना से उनके पार्टी समर्थकों का कुछ लेना-देना नहीं है. तृणमूल का आरोप है कि बीजेपी नेता वहां रुपये बांटने के लिए पहुंचे थे. रात 12:00 बजे के बाद भारी संख्या में पुलिस व केंद्रीय बल मौके पर पहुंचने के बाद तोड़फोड़ करने वालों को हिरासत में लेकर साथ ले गए.

आपको बता दें कि सातवें और अंतिम चरण के चुनाव से पहले बंगाल में राजनीतिक घमासान जोर पर है. मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान हमले व ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा को तोड़ने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर अभी खत्म भी नहीं हुआ था कि इसी बीच चुनाव आयोग ने बंगाल को दो शीर्ष अधिकारियों (गृह सचिव), (एडीजी सीआइडी) को पद से हटा दिया और चुनाव प्रचार का करीब 19 घंटे कम कर दिया.