आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू मिशन महागठबंधन पर निकले, गैर बीजेपी सरकार की कवायद शुरू
नायडू मान कर चल रहे हैं कि किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने जा रहा. ऐसे में गैर बीजेपी सरकार के लिए टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू मिशन महागठबंधन पर निकल पड़े हैं. इस कड़ी में शनिवार को नायडू राहुल गांधी समेत मायावती और अखिलेश से मुलाकात करेंगे.
highlights
- विपक्ष मानकर चल रहा है कि 23 मई को किसी पार्टी को नहीं मिलेगा पूर्ण बहुमत.
- ऐसे में महागठबंधन को आकार देने के लिए खास मिशन पर निकले चंद्रबाबू नायडू.
- शनिवार को राहुल गांधी समेत मायावती और अखिलेश यादव से करेंगे मुलाकात.
नई दिल्ली.:
लोकसभा चुनाव 2019 (Loksabha Elections 2019) के आखिरी चरण के मतदान में अब 24 घंटे से भी कम समय बचा है. इसके बाद सभी की निगाहें कल शाम से शुरू होने वाले एक्जिट पोल्स और फिर 23 मई को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं. यह अलग बात है कि पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) की पूर्ण बहुमत संग वापसी के दावों के बीच विपक्ष नए सिरे से महागठबंधन की कवायद में जुट गया है. आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) इस महागठबंधन को आकार देने के मैराथन प्रयास में जुट भी चुके हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से शुक्रवार को 'शिष्टाचार' मुलाकात करने के बाद शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नायडू उत्तर प्रदेश मिशन पर जा रहे हैं. लखनऊ में वह बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करेंगे.
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बीजेपी को मात देने के लिए जरूरी आंकड़े जुटाने की कोशिश
चंद्रबाबू नायडू के इस मिशन से यह साफ हो जाता है कि विपक्ष पक्के तौर पर मान कर चल रहा है कि इस लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं होने वाला. ऐसे में महागठबंधन आंकड़ों की बिसात पर बीजेपी को शह-मात देने के लिए जरूरी संख्या दे सकता है. संभवतः इसी कारण तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) प्रमुख चंद्रबाबू नायडू 'मिशन गठबंधन' के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. चंद्रबाबू नायडू शनिवार को दिल्ली में कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे.
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नायडू मिल जोड़ रहे सियासी धागे
नायडू विपक्ष के नेताओं से सिलसिलेवार तरीके से मुलाकात कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, उन्होंने शुक्रवार को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी और माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की. शरद यादव से भी मुलाकात तय है. वहीं दूसरी तरफ, लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदान (7th Phase Voting) से पहले ही कांग्रेस ने सरकार बनाने को लेकर मास्टर प्लान तैयार करना शुरू कर दिया है. मिशन यही है कि अगर बीजेपी बहुमत तक नहीं पहुंचती है, तो कांग्रेस किसी तरह से सभी पार्टियों को साथ लाकर सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा हासिल कर सके.
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गठबंधन सरकार बनाने और चलाने में कांग्रेस को है महारथ
यहां यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) की वजह से 2004 में कांग्रेस ने 145 सीटों पर जीत के बावजूद मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) के नेतृत्व में सरकार बना ली थी. अगर देश में गठबंधन सरकार के इतिहास पर नजर डालें तो पाएंगे कि कांग्रेस को कम सांसदों के बावजूद सरकार बनाने में महारथ हासिल है. दूसरे कांग्रेस को अच्छे से पता है कि कई क्षेत्रीय पार्टियां सीधे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से संवाद करने में असहज महसूस कर रही हैं. इसलिए रणनीतिक तौर पर सोनिया गांधी को एक बार फिर आगे लाया गया है. 23 मई के नतीजे से पहले ही कांग्रेस सरकार बनाने का पूरा खाका खींच लेना चाहती है.