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Exit Poll के बाद महबूबा मुफ्ती ने Tweet कर कहा, BJP की जीत या हार दुनिया का अंत नहीं, सत्य के साथ लड़ती रहूंगी

न्यूज स्टेट के एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी गठबंधन को 282 से 290 के बीच सीटें मिलती दिख रही हैं

News Nation Bureau
| Edited By :
20 May 2019, 06:02:18 PM (IST)

highlights

  • बीजेपी की जीत या हार दुनिया का अंत नहीं
  • महबूबा मुफ्ती ने किया ट्वीट
  • देश में प्रेस का स्तर गिर गया- महबूबा

नई दिल्ली:

17वीं लोकसभा चुनाव का मतगणना 23 मई को होगा. उस दिन पता चल जाएगा कि किसके सिर पर ताज सजेगा. अगले पांच साल तक केंद्र में किसकी सरकार बनेगी. देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. लेकिन नतीजे से पहले सभी न्यूज चैनलों ने अपना-अपना एग्जिट पोल दिया है. एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनते दिख रही है. ज्यादातर एग्जिट पोल में बीजेपी (BJP) की सरकार फिर से बनते दिखाया जा रहा है. लगभग सभी एग्जिट पोल ने एनडीए को बहुमत दिया है. न्यूज स्टेट के एग्जिट पोल के अनुसार बीजेपी गठबंधन को 282 से 290 के बीच सीटें मिलती दिख रही हैं. एग्जिट पोल जारी होने के बाद जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने ट्वीट किया. महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा की जीत या हार दुनिया का अंत नहीं है.

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट (Mehbooba Mufti Tweet) किया, बीजेपी का जीतना या हारना दुनिया का अंत नहीं है. यह सत्य है, बीजेपी ने संस्‍थानों को नष्‍ट कर दिया है. प्रेस का स्‍तर गिर गया है, लेकिन अब भी सिस्‍टम में कई ऐसे लोग और पत्रकार हैं जिन्‍होंने आवाज उठाई. उम्‍मीद करती हूं कि आगे भी इसी मजबूती के साथ खड़ा रहे.

Most news anchors can’t hide their glee about exit poll results like kids left unattended in a candy store!
Teray Aanay say Yun Khush Hai dil
Jaisay Ki Bulbul Bahar Ki Khatir

— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 19, 2019

बता दें कि रविवार की शाम को एग्जिट पोल के आने के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर एग्जिट पोल के नतीजों पर तंज कसा था. उन्होंने ट्वीट के जरिए शायराना अंदाज में एक शेर भी लिखा. मुफ्ती ने ट्वीट में लिखा कि ज्यादातर न्यूज एंकर एग्जिट पोल के रिजल्ट को लेकर अपने खुशी को छिपा नहीं सके. जैसे कि कैंडी स्टोर में बच्चों को छोड़ दिया गया है! तेरे आने से यूं खुश है दिल, जैसे कि बुलुबुल बहार के खातिर.'