.

यूपी समेत पांचों राज्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी, नए वोटरों में भी हिस्सेदारी

पांच राज्यों के 18.34 करोड़ मतदाता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे और इनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
09 Jan 2022, 02:55:49 PM (IST)

highlights

  • पांच राज्यों के 18.34 करोड़ मतदाता डालेंगे वोट
  • इनमें 8.55 करोड़ महिला मतदाताओं की संख्या
  • प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या 1,250

नई दिल्ली:

पिछले विधानसभा चुनावों की तुलना में चुनाव वाले सभी पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर में चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. इसमें भी सबसे अधिक भागीदारी उत्तर प्रदेश में है. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए यह बात कही. पांच राज्यों के 18.34 करोड़ मतदाता लोकतांत्रिक प्रक्रिया में हिस्सा लेंगे और इनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं. महिलाओं की भागीदारी में यूपी के बाद गोवा 24 अंकों के साथ, मणिपुर 19 अंकों के साथ, उत्तराखंड 18 अंकों के साथ और पंजाब 10 अंकों के साथ रिकॉर्ड बना रहा है.

पहली बार वोट करने वाले 24.9 लाख वोटरों में 11.4 लाख महिलाएं
चंद्रा ने कहा कि लिंगानुपात में गोवा में 1056, मणिपुर में 1065, पंजाब में 902, उत्तराखंड में 928 और उत्तर प्रदेश में 868 दर्ज किया गया. विशेष रूप से पहली बार के 24.9 लाख मतदाताओं में से 11.4 लाख महिलाएं भी हैं. उन्होंने कहा कि लगभग 13.01 लाख दिव्यांग मतदाता हैं और 31.47 लाख वरिष्ठ नागरिक हैं, जिनमें से ज्यादातर 80 वर्ष से अधिक उम्र के हैं. वे अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे और इससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी.

यह भी पढ़ेंः दिल्‍ली में फिलहाल लॉकडाउन नहीं, सीएम केजरीवाल ने जनता से की अपील

30.334 मतदान केंद्र, प्रति बूथ 1250 वोटर्स
सीईसी ने कहा कि दूर-दराज के स्थानों पर तैनात सुरक्षा बलों, मिशन के कर्मचारियों और अन्य सहित सेवा निर्वाचकों की संख्या लगभग 5.29 लाख है. पांचों राज्यों में मतदान का समय एक घंटे बढ़ा दिया गया है. अंतिम मतदाता सूची 5 जनवरी को प्रकाशित की गई थी. चुनाव आयोग ने मतदाताओं की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया है और इसके परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मतदाता वृद्धि के साथ अन्य राज्यों में भी वृद्धि देखी गई है. चुनाव आयोग ने प्रति बूथ मतदाताओं की संख्या को 1,250 तक सीमित कर दिया है, जिससे मतदान केंद्रों की संख्या बढ़कर 30,334 हो गई है, जबकि प्रति मतदान केंद्र मतदाताओं की औसत संख्या घट गई है.