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Bihar Assembly Election 2020: शेरघाटी में इस बार किसकी होगी जीत, कौन चखेगा हार का स्वाद, देखें समीकरण

साल 1951- 52 में स्वाधीनताकाल के पहले चुनाव में इस सीट को शेरघाटी-इमामगंज के रूप में पहचान मिली थी. तब यहां से दो-दो विधायक क्रमश: देवधारी चमार और जगलाल महतो एक बार जीते थे.

News Nation Bureau
| Edited By :
07 Nov 2020, 01:29:14 PM (IST)

नई दिल्ली :

शेरघाटी (Sherghati) विधानसभा सीट का लंबा इतिहास रहा है. 1957 से लेकर 1972 तक शेरघाटी विधानसभा सीट पर चुनाव होते रहे थे. साल 1951- 52 में स्वाधीनताकाल के पहले चुनाव में इस सीट को शेरघाटी-इमामगंज के रूप में पहचान मिली थी. तब यहां से दो-दो विधायक क्रमश: देवधारी चमार और जगलाल महतो एक बार जीते थे.

साल1977 में शेरघाटी को बोधगया विधानसभा क्षेत्र (सु.) का हिस्सा बना दिया गया. तब से 2010 चुनावों के पूर्व तक यही स्थिति बनी रही. शेरघाटी सीट को दोबारा अपना वजूद हासिल करने में 38 साल लग गए थे. नये परिसीमन के बाद दोबारा वजूद में आई शेरघाटी सीट पर पहली बार वर्ष 2010 में हुए चुनाव से लेकर अबतक जेडीयू के विनोद प्रसाद यादव का कब्जा है.

शेरघाटी में मतदाता की संख्या 

शेरघाटी में कुल मतदाता 200386 इतने हैं. जिसमें पुरुष मतदाता की संख्या 106481 है. जबकि महिला मतदाता की संख्या 93905 हैं.

विनोद प्रसाद ने दो बार बचाई कुर्सी

साल 2010 के चुनाव में मतदान का प्रतिशत 53.73 था. निर्दलीय सुषमा देवी को हराकर जेडीयू के विनोद प्रसाद ने सीट हासिल की थी. विनोद प्रसाद ने साल 2015 के चुनाव में भी अपने जीत को बरकरार रखा. हम उम्मीदवार मुकेश कुमार को हराकर विनोद प्रसाद ने अपने सीट को बचाया था. वहीं साल 2015 के चुनाव में कुल 59 प्रतिशत वोट हुए थे.

शेरघाटी की समस्याएं 

गया जिले का शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र अक्सर नक्सली घटनाओं को लेकर सुर्खियों में रहा है. नक्सली आए दिन यहां घटना को अंजाम देते हैं. पानी और बिजली भी इस इलाके की मुख्य समस्या है.

शेरघाटी में ट्रांसपोर्ट व्यवसाय इस क्षेत्र में रोजगार का बड़ा माध्यम है. समूचे इलाके में केवल एक अंगीभूत कॉलेज है. बीए के बाद की पढ़ाई का कोई जरिया नहीं है. कृषि से जुड़ी समस्याएं और्र सिंचाई साधनों के अभाव से भी किसानों को जूझना पड़ता है.

शेरघाटी की 90 फीसदी जनसंख्या है ग्रामीण
90 फीसदी से अधिक ग्रामीण आबादी वाले इस क्षेत्र में एक नगर पंचायत भी है. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक दलितों की आबादी यहां 34.2 फीसदी है.

कब-कब कौन जीता
2015- विनोद प्रसाद यादव (जदयू)
2010- विनोद प्रसाद यादव (जदयू)
1972- जयराम गिरी (कांग्रेस)
1967- मुश्ताक अली खां (जेकेडी)
1962- कैप्टन शाहजहां (कांग्रेस)
1957- कैप्टन शाहजहां (कांग्रेस)