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नागराकाटा विधानसभा बंगाल की है महत्वपूर्ण सीट, जानें चुनावी इतिहास

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद आचार संहिता लागू होते ही जलपाईगुड़ी के कई सरकारी स्थानों से विज्ञापन हटाए जा रहे हैं, लेकिन राजनीति दलों के बैनर और झंडे नहीं हटाने का आरोप लग रहा है.

News Nation Bureau
| Edited By :
07 Mar 2021, 05:57:55 PM (IST)

highlights

  • जिले के सात विधानसभा केंद्रों में कुल 18 लाख 33 हजार 848 मतदाता हैं.
  • 2016 में नागराकाटा में कुल 83 प्रतिशत वोट पड़े.
  • कुल 18 लाख 33 हजार 848 मतदाता हैं

 

 

जलपाईगुड़ी:

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद आचार संहिता लागू होते ही जलपाईगुड़ी के कई सरकारी स्थानों से विज्ञापन हटाए जा रहे हैं, लेकिन राजनीति दलों के बैनर और झंडे नहीं हटाने का आरोप लग रहा है. बता दें कि बंगाल में आठ चरणों में चुनाव होने वाले हैं. जलपाईगुड़ी जिले में आगामी 17 अप्रैल को चुनाव होने वाला है. नागराकाटा विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इस बार नागराकाटा विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है.

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2016 में नागराकाटा में कुल 83 प्रतिशत वोट पड़े

नागराकाटा विधानसभा सीट पश्चिम बंगालके जलपाईगुड़ी जिले में आती है. 2016 में नागराकाटा में कुल 83 प्रतिशत वोट पड़े. 2016 में ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से सुकरा मुंडा ने इंडियन नेशनल कांग्रेस के जोसेफ मुंडा को 3228 वोटों के मार्जिन से हराया था.

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कुल 18 लाख 33 हजार 848 मतदाता हैं

जिले के सात विधानसभा केंद्रों में कुल 18 लाख 33 हजार 848 मतदाता हैं. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9 लाख 28 हजार 954 और महिला मतदाताओं की संख्या 9 लाख 4 हजार 878 है. तीसरे जेंडर के मतदाताओं की संख्या 20 है. 

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बता दें कि इस बार पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सर्वभारतीय तृणमूल कांग्रेस (All India Trinamool Congress) और भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के बीच कड़ी टक्कर माना जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी ने बंगाल में पहली बार सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत लगा रही है, तो तृणमूल कांग्रेस सत्ता में बने रहने की पूरी कोशिश कर रही है. वहीं, कांग्रेस अपने आपको विधानसभा की चुनावी लड़ाई में अहम मान रही है, लेकिन प्रचार प्रसार अभी इन दोनों पार्टियों से काफी पीछे है.