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सोमनाथ विवाद: बीजेपी के आरोपों के बाद कांग्रेस ने राहुल को बताया 'जनेऊधारी हिंदू'

इस मुद्दे को लेकर बैकफुट पर आई कांग्रेस ने जवाब देते हुए कहा, 'राहुल गांधी न सिर्फ हिंदू हैं बल्कि जनेऊधारी हिंदू हैं।

News Nation Bureau
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29 Nov 2017, 08:05:41 PM (IST)

नई दिल्ली:

सोमनाथ मंदिर के दौरे के दौरान राहुल गांधी के गैर हिंदू रजिस्टर पर साइन करने को लेकर बीजेपी के हमलावर होने के बाद कांग्रेस ने राहुल गांधी को 'जनेऊधारी हिंदू' बताया है।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल पर हमला बोलते हुए कहा, कांग्रेस कह रही है कि यह एक साजिश है लेकिन हम कह रहे हैं कि कांग्रेस ही एक साजिश है। इस मुद्दे को लेकर बैकफुट पर आई कांग्रेस ने जवाब देते हुए कहा, 'राहुल गांधी न सिर्फ हिंदू हैं बल्कि जनेऊधारी हिंदू हैं।'

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'राहुल गांधी ने केवल हिंदू हैं बल्कि जनेऊधारी हिंदू है और बीजेपी को राजनीतिक मतभेद को इतने निचले स्तर तक नहीं ले जाना चाहिए।'

सुरजेवाला ने राहुल गांधी का बचाव करते हुए कहा, रजिस्टर में जो हस्ताक्षर राहुल जी का बताया जा रहा है वो उनका नहीं है और न ही उन्हें इसके लिए कोई रजिस्टर दिया गया था।

रणदीप सुरजेवाला ने अपने बयान के समर्थन में एक तस्वीर भी दिखाई जिसमें राहुल गांधी जेनऊ पहने हुए नजर आ रहे हैं।

Watch: In-Charge Communications @rssurjewala debunks the fabricated entry of Rahul Gandhi at the Somnath Temple register. #ShameOnYouBJP pic.twitter.com/mq2exKYwPc

— Congress (@INCIndia) 29 November 2017

संबित पात्रा ने कांग्रेस के दावे पर सवाल उठाते हुए कहा, अगर यह साजिश है तो राहुल गांधी के आसपास ऐसी हवा क्यों बनाई जा रही है जबकि वो भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण चेहरा है। पात्रा ने कहा धर्म कांग्रेस के लिए निष्ठा का नहीं सुविधा का विषय है।

संबित पात्रा ने राहुल गांधी पर सवाल दागते हुए कहा, उन्हें बताना चाहिए वास्तव में वो क्या हैं?

क्या है विवाद

सोमनाथ मंदिर में जाने के बाद विजिटर्स रजिस्टर में गैर-हिन्दू लोगों को हस्ताक्षर करने होते हैं। मंदिर में दर्शन करने गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अहमद पटेल को भी ऐसा करने के लिए कहा गया। 

कांग्रेस की ओर से वहां मौजूद मीडिया कोऑर्डिनेटर ने अहमद पटेल और राहुल गांधी का नाम बता दिया। इसके बाद दोनों नेताओं ने गैर-हिन्दू वाले रजिस्टर में अपने दस्तखत कर दिए। इसी के बाद गुजरात के राजनीतिक जगत में भूचाल आ गया।