PM मोदी और CM केजरीवाल में से कौन है दिल्ली के GB रोड की सेक्स वर्कर्स की पसंद, यहां पढ़ें
यहां की सेक्स वर्कर्स ने पीएम मोदी और सीएम केजरीवाल में उनके लिए कौन बेहतर है इस बात पर भी चर्चा की आइए आपको बताते हैं दिल्ली के जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स को कौन सा नेता ज्यादा पसंद है.
नई दिल्ली:
8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा का चुनाव है इस महासमर है को देखते हुए दिल्ली में सक्रिय सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है. आगामी 8 फरवरी को दिल्ली में वोट देने से पहले वहां का हर वोटर अपने चुनावी मुद्दे को लेकर जागरुक है पिछली सरकार में क्या कमियां रहीं हैं और क्या अच्छाइयां रहीं हैं वोटर्स इस बात को ध्यान में रखते हुए वोट करने की तैयारी में हैं. इसी क्रम में जब एक न्यूज वेबसाइट ने दिल्ली में जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स से बातचीत की तो उन्होंने खुलकर अपनी समस्याओं को सामने रखते हुए बताया कि उन्हें दिल्ली में उन्हें किन परेशानियों का सामना करना पड़ता है और इसके क्या उपाय हो सकते हैं साथ ही यहां की सेक्स वर्कर्स ने पीएम मोदी और सीएम केजरीवाल में उनके लिए कौन बेहतर है इस बात पर भी चर्चा की आइए आपको बताते हैं दिल्ली के जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स को कौन सा नेता ज्यादा पसंद है.
मीडिया से बातचीत करते हुए दिल्ली जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स ने बताया कि यहां बहुत गंदगी है कोई भी सफाईकर्मी यहां साफ-सफाई के लिए नहीं आता हैं, जिसकी वजह से यहां चारो ओर गंदगी फैली रहती है. हम यहां पर पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ते हुए देखते हैं. जब हम इसके बारे में शिकायत करते हैं तो हमें वहां से भगा दिया जाता है. हम चाहते हैं कि हमारी समस्याओं को भी मुख्यधारा के लोगों की तरह देखा जाए और उसका भी वैसे ही निदान किया जाए जैसे की आम आदमी की समस्याओं का किया जाता है. साथ ही उन्होंने इस बात की भी मांग की है कि हमारे खिलाफ हो रही हिंसा को रोकने के लिए कानून बनाए जाएं और उन पर अमल भी किया जाए.
एक सेक्स वर्कर ने बताया कि जब हम सरकारी अस्पतालों में जाते हैं और अगर उन्हें पता चल जाए कि हम जीबी रोड से हैं तो वहां का स्टाफ हमारे साथ भेदभाव करता है इतना ही नहीं स्कूलों में अगर पता चल जाए कि फलां बच्चा जीबी रोड से है तो टीचर्स के साथ-साथ स्कूल के छात्र भी हमारे बच्चों के साथ भेदभाव करने लगते हैं. हम चाहते हैं कि सरकार हमारे इन छोटे-छोटे मुद्दों को ध्यान में रखते हुए ऐसे कानून बनाए ताकि हम भी भेदभाव का शिकार हुए बिना आम लोगों की तरह से जीवन यापन कर सकें. हम लगातार इस दोहरे मापदंड के रवैये को बर्दाश्त करते हैं लेकिन जब इलेक्शन का समय आता है तो नेता वोट मांगने के लिए यहां पहुंच ही जाते हैं और तमाम तरह के वादे करके फिर वापस नहीं आते.
सेक्स वर्कर्स ने अपने बच्चों के पिता का नाम नहीं दे पाने के लिए भी सरकार से गुजारिश करते हुए सवाल उठाया कि जब हम इलाज के लिए जाते हैं या फिर बच्चे को टीका लगवाना होता है या फिर बच्चों का स्कूल में एडमिशन करवाना होता है तब हमें बच्चे के पिता के नाम को लेकर प्रताड़ित किया जाता है जिससे तंग आकर हम प्राइवेट अस्पतालों में अपने बच्चों को महंगे दामों पर टीका लगवाते हैं या फिर इलाज करवाते हैं सरकार को इस बात की भी छूट देनी चाहिए कि अगर हम अपने बच्चे को खुद ही पाल रहे हैं तो इसमें पिता के नाम की क्या जरूरत है. एक महिला भी अपने दम पर अपने बच्चे का पालन-पोषण कर सकती है ऐसे में उससे उसके बच्चे का नाम बार-बार न मांगा जाए.
ये सेक्स वर्कर्स राजनीतिक पार्टियों में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाती हैं इन्हें किसी भी राजनीतिक पार्टी पर भरोसा नहीं है लेकिन पिछले 5 सालों में इन सेक्स वर्कर्स को अरविंद केजरीवाल सरकार पर पूरा भरोसा रहा है. आम नागरिक के तौर पर इन सेक्स वरर्कर्स में ज्यादातर महिलाएं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को पसंद करती हैं. इसके पीछे दिल्ली सरकार की बिजली पानी की व्यवस्था है. जब इनसे पूछा गया कि वो अरविंद केजरीवाल को ही क्यों पसंद कर रही हैं तब इन महिलाओं ने जवाब दिया कि दिल्ली में जब से अरविंद केजरीवाल की सरकार बनी है तब से इनका बिजली और पानी का बिल कम आने लगा है जिसकी वजह से दिल्ली की जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अन्य नेताओं की तुलना में ज्यादा पसंद करती हैं.