.

Assam Election: कौन हैं सर्बानंद सोनोवाल, जिनको बीजेपी ने सौंपी थी इतनी बड़ी जिम्मेदारी

2004 में पहली बार सोनोवाल डिब्रूगढ़ से केंद्रीय मंत्री पवन सिंह घाटोवर को हराकर लोकसभा में पहुंचे. परिषद के नेतृत्व से मतभेद के बाद साल 2011 में उन्होंने कमल थाम लिया. साल 2012 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया.

News Nation Bureau
| Edited By :
10 Mar 2021, 04:33:03 PM (IST)

highlights

  • साल 1992 में शुरू किया राजनीतिक जीवन का सफर
  • 2011 में असम गण परिषद छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए
  • मोदी सरकार में राज्य मंत्री भी बन चुके हैं

नई दिल्ली:

असम विधानसभा चुनाव के लिए रणभेरी बज चुकी है. कांग्रेस और बीजेपी सहित तमाम पार्टियों ने चुनाव के लिए कमर कस ली है. जल्द ही सभी पार्टियों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे. पिछले चुनाव में कांग्रेस (Congress) का किला ध्वस्त करके बीजेपी (BJP) ने सरकार बनाई थी. और बीजेपी नेता सर्बानंद सोनोवाल (Sarbananda Sonowal) के सिर पर ताज सजा था. सोनोवाल राज्य के 14वें मुख्यमंत्री जबकि बीजेपी (BJP) की ओर से पहले मुख्यमंत्री बने थे. उनके शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, लालकृष्ण आडवाणी समेत पार्टी के कई बड़े नेता शरीक हुए थे. अब इस चुनाव में सबकी निगाहें मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल पर ही टिकी हुई हैं. 

कौन हैं सोनोवाल

31 अक्टूबर 1962 को डिब्रूगढ़ जिले के दिंजन में पैदा हुए सर्बानंद सोनोवाल को सफेद रंग काफी पसंद है. वे हमेशा सफेद रंग की पोशाक में नजर आते हैं. इतना ही नहीं उनको यह कलर इतना ज्यादा पसंद है कि उनके घर की सभी दीवारें सफेद रंग की हैं. यहां तक की उनकी अलमारी का कलर भी सफेद ही है. इसके अलावा फुटबॉल खेलना पसंद है. बचपन में उनके पास फुटबॉल खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे, तो वे लोकल फ्रुट 'टंगा' से खेलते थे. ये उसे टंगा बॉल कहते थे. 

यह भी पढ़ें- नंदीग्राम में बोलीं ममता बनर्जी- मैं ब्राह्मण हूं, मुझे मत सिखाओ हिंदू होना

आपको बता दें कि उन्हें स्वच्छता काफी पसंद है. और वे बचपन से ही साफ-सफाई पर काफी ध्यान देते थे. वे जब तीसरी और चौथी क्लास में थे, तब वो स्कूल में सफाई मंत्री चुने गए थे. उन्हें हाइटेक गाड़ियां काफी पसंद हैं. हाई स्पीड कार और बाइक्स का चलाने का उन्हें शौक है कि उनका रूम कार और बाइक्स की फोटोज और पोस्टर्स से भरा हुआ है. इसके अलावा वे खाने के काफी शौकीन हैं, लेकिन स्वाद के साथ कोई समझौता नहीं करते हैं. 

राजनीतिक करियर 

सर्बानंद सोनोवाल ने गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है. उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1992 में की थी. केंद्र सरकार में खेल मंत्रालय संभाल रहे सोनोवाल निजी तौर पर फुटबॉल और बैडमिंटन के खिलाड़ी भी रहे हैं. उन्होंने ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. वे साल 1992 और साल 1999 के बीच स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रहे. साल 2001 में वे यूनियन की राजनीतिक शाखा असम गण परिषद (AGP) में शामिल हुए और उसी साल विधायक बने. 

यह भी पढ़ें- Mithun Chakrborty Interview : 18 साल की उम्र में देखा था सपना... BJP में क्यों आया, मिथुन ने दिया जवाब

2004 में पहली बार सोनोवाल डिब्रूगढ़ से केंद्रीय मंत्री पवन सिंह घाटोवर को हराकर लोकसभा में पहुंचे. परिषद के नेतृत्व से मतभेद के बाद साल 2011 में उन्होंने कमल थाम लिया. साल 2012 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बनाया. 2014 तक वे असम बीजेपी के अध्यक्ष रहे फिर उन्हें दिल्ली बुला लिया गया. मोदी सरकार पार्ट 1 में उन्हें खेल मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया. लेकिन विधानसभा चुनाव को देखते हुए साल 2015 में उन्हें फिर असम बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया. साल 2016 में जब उनके नेतृत्व में बीजेपी ने पंजे को बाहर का रास्ता दिखाया तो पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाकर सत्ता में डेब्यू किया. सोनोवाल को जमीनी नेता समझा जाता है. उन्होंने अवैध आप्रवासी (ट्रिब्यूनल द्वारा निर्धारण) कानून के खिलाफ एक लंबी लड़ाई लड़ी और साल 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को रद्द कर दिया था.