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डिस्टेंस एजुकेशन ने बदला पढ़ाई करने का तरीका

इस शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत ऐसे छात्रों को अपने नौकरी या व्यवसाय से समझौता किए बगैर सहूलियत के साथ पढ़ाई का समय मिल जाता है. इसके अलावा स्टडी मटेरियल भी ऑनलाइन ही मिल जाते हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
01 Jul 2021, 04:29:07 PM (IST)

highlights

  • ऑनलाइन आधारित होती है डिस्टेंस एजुकेशन
  • डिस्टेंस एजुकेशन छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिए आर्थिक रूप से किफायती विकल्प
  • डिस्टेंस एजुकेशन के लिए नामांकन करने वालों में एक बड़ा हिस्सा नौकरीपेशा आबादी का

नई दिल्ली:

डिस्टेंस लर्निंग की लागत आम तौर पर दूसरे शिक्षा कार्यक्रमों से कम होती है. डिस्टेंस एजुकेशन छात्र को उसके घर से अपने मनचाहे कोर्स को पूरा करने की सहूलियत देता है. जिससे वो सारे खर्चे, जो किसी परिसर आधारित कार्यक्रमों में होते है, वो चाहे परिवहन या रहने या खाने से संबंधित हों, खत्म हो जाते हैं. यही कारण है कि डिस्टेंस एजुकेशन छात्रों और अभिभावकों दोनों के लिए आर्थिक रूप से किफायती विकल्प है. घर से कोर्स करने की सुविधा के अलावा, छात्रों के पास अपनी पढ़ाई पर अधिक बचत करने का डिस्टेंस एजुकेशन एक सही चुनाव हो सकता है. डिस्टेंस एजुकेशन में छात्र कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से किसी भी जगह से अपने मनचाहे कोर्स को पूरा कर सकते हैं. डिस्टेंस एजुकेशन के लिए नामांकन करने वालों में एक बड़ा हिस्सा नौकरीपेशा आबादी का है. इस शिक्षा व्यवस्था के अंतर्गत ऐसे छात्रों को अपने नौकरी या व्यवसाय से समझौता किए बगैर सहूलियत के साथ पढ़ाई का समय मिल जाता है. इसके अलावा स्टडी मटेरियल भी ऑनलाइन ही मिल जाते हैं. इस व्यवस्था के कारण देश की वो आबादी, जो परिसर-आधारित या पूर्णकालिक पाठ्यक्रमों में भाग लेने में असमर्थ हैं. उन्होंने अपने शिक्षित होने की अकांक्षाओं को पूरा किया है.

जैसा कि हम जानते हैं, डिस्टेंस एजुकेशन ऑनलाइन आधारित होती है, जिससे छात्र घरों मे बैठकर आराम से पढ़ सकते हैं और असाइनमेंट पूरा कर सकते हैं. अधिकांश संस्थान जो डिस्टेंस एजुकेशन कार्यक्रम कराते हैं, वो अपने छात्रों को स्टडी मटेरियल या ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लेक्चर और ट्यूटोरियल उपलब्ध कराते हैं. यह व्यवस्था छात्रों को क्लास रुम से सीधे उनके लिविंग रूम के सोफे, बेडरूम या बगीचे में बैठ कर आराम से अपने पाठ्यक्रम को सीखने की सुविधा देती है. लेकिन किसी भी अन्य शिक्षा कार्यक्रम की तरह, डिस्टेंस एजुकेशन में कई फायदों के साथ कमियां भी हैं.

डिस्टेंस एजुकेशन की कमियां -

एक संस्थान में सीखने से छात्रों को व्यक्तिगत स्तर पर अलग-अलग तरह के लोगों से मिलने और बातचीत करने का मौका मिलता है. डिस्टेंस एजुकेशन केवल छात्रों को ऑनलाइन आधारित कक्षाओं और शिक्षण सामग्री तक सीमित करती है. हालांकि छात्र चैट रूम, डिस्कशन बोर्ड, ईमेल और/या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से बातचीत कर सकते हैं. लेकिन इस अनुभव की तुलना संस्थान में जाकर पढ़ाई करने से नहीं की जा सकती. डिस्टेंस एजुकेशन उन छात्रों के लिए एक अच्छा विकल्प नहीं हो सकता है जो चीजों को टालते रहते हैं या जो अपने लिए समय सीमा का निर्धारण नहीं कर पाते हैं. ऑनलाइन आधारित होने के कारण डिस्टेंस एजुकेशन किसी भी छात्र को सक्रिय रहने के लिए बाध्य नही कर सकती है. जिसके कारण प्रशिक्षक और अन्य छात्रों के साथ आमने-सामने बातचीत नही होती है या बहुत ही कम होती हैं. जिससे ऑनलाइन कार्यक्रम में नामांकित छात्रों के लिए अपने पाठ्यक्रम कार्य और असाइनमेंट पर नज़र रखना मुश्किल हो जाता है और कई बार कुछ छात्र समय पर कोर्स की डिग्री पूरी करने से चूक जाते हैं. डिस्टेंस एजुकेशन में उचित मूल्यांकन की कमी जैसी कई अन्य चुनौतियां डिग्री की विश्वसनीयता को संदिग्ध बनाती हैं. एक तरफ जहां ऑनलाइन कार्यक्रमों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, वहीं दूसरी तरफ घोटालेबाजों की संख्या भी बढ़ रही है. जिससे यह संभावित है, कि कई लोगों के बीच डिस्टेंस एजुकेशन डिग्री की विश्वसनीयता संदिग्ध हो.