IIM Shillong ने 8 वैश्विक संस्थानों से मिलाया हाथ, बढ़ेगी साख
इस वर्ष कुल 268 छात्रों ने संस्थान से स्नातक किया. 252 पीजीपी छात्रों और 16 पीजीपीईएक्स छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जबकि दो स्कालर्स को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई.
highlights
- दो साल के अंतराल के बाद परिसर में दीक्षांत समारोह का आयोजन
- 252 पीजीपी छात्रों और 16 पीजीपीईएक्स छात्रों को डिग्री दी गई
नई दिल्ली:
आईआईएम शिलांग ने प्रसिद्ध वैश्विक संस्थानों के साथ 8 समझौता किए हैं. आईआईएम ने शीर्ष रैंक वाली अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में 96 शोध पत्र भी प्रकाशित किए हैं. संस्थान का कहना है कि इस दौरान आईआईएम शिलांग ने अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में कई शोध पत्र प्रस्तुत किए. आईआईएम शिलांग की प्रबंधन पत्रिका को अब वैश्विक पब्लिशिंग हाउसों द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है. शिलांग ने बुधवार को अपना 13वां दीक्षांत समारोह अपने विशाल नए परिसर में आयोजित किया. महामारी के कारण दो साल के अंतराल के बाद परिसर में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. इस वर्ष कुल 268 छात्रों ने संस्थान से स्नातक किया. 252 पीजीपी छात्रों और 16 पीजीपीईएक्स छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जबकि दो स्कालर्स को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई. नारायण हेल्थ के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.
डॉ. शेट्टी ने कहा, आईआईएम शिलांग में शामिल होने से पहले जो आपकी दुनिया थी और अब जब आप यहां से स्नातक कर रहे हैं, दोनों नाटकीय रूप से अलग हैं. कोविड की वजह से दुनिया उलटी हो गई है. अब से 100 साल बाद यदि कोई इतिहासकार दुनिया का इतिहास लिखने जा रहा है, तो दो अलग-अलग काल होंगे, एक बीसी है यानी कोविड से पहले, और दूसरा एसी है जो कोविड के बाद है. जीवन में सफल होने के लिए, बदलाव लाने के लिए, इस दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए, आपको कुछ अलग सोचना होगा.
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष शिशिर कुमार बाजोरिया ने छात्रों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा, अपने और अपने करियर के लक्ष्यों पर आगे काम करते हुए, हमेशा उन वैल्यूज को याद रखें, जो हम सभी ने मौजूदा समय में महसूस किया है. यह है एक-दूसरे की देखभाल करने की वैल्यू. मानवीय जरूरतों, समुदाय की जरूरतों और देश की जरूरतों के प्रति संवेदनशीलता. आपको मेरा संदेश यह है कि जो मिलता है उससे अधिक देना सीखें. हालांकि इस संकट ने कई मानवीय-संस्थागत चुनौतियों को जन्म दिया, लेकिन एक समुदाय के रूप में हम और मजबूत हुए.
इस अवसर पर बोलते हुए, प्रोफेसर डी पी गोयल, निदेशक, आईआईएम, शिलांग ने कहा, दीक्षांत समारोह हमारे लिए वर्ष के दौरान हमने जो कुछ भी हासिल किया है उसे साझा करने का एक अवसर है. हमारे संस्थान ने महत्वपूर्ण सर्वांगीण प्रगति की है. आईआईएम शिलांग के लिए सबसे बहुप्रतीक्षित क्षण अपने परिसर में जाना था. यह बड़े संतोष की बात है कि हम महामारी के बीच इस नए परिसर में शिफ्ट हो गए हैं. दूसरे और तीसरे चरण का काम जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है.